दुखों की बिजली गिराने वाला
खुद एक दिन दुखी हो जाएगा
दुख में ज़रा इत्मीनान रखना
होकर दुखी, दुख चला जाएगा-
साफ़ नज़र दिल बेदाग रखो
लालच का मन से त्याग रखो।
जलते दीये हों हर चौखट
तुम अपने हाथ चिराग रखो।-
जानता हूँ ये चांद ये तारे
बस में नहीं हैं तुम्हारे
एक जान ही है जो तुम्हारे बस में है-
आज फिर दर्द से मुलाकात कर रहा है,
हुई थी उससे जो बात वो Chatting पढ़ रहा हूं।-
अनुच्छेद 370 खत्म हो गया
तीन तलाक़ खत्म हो गया
राम मंदिर पर फैसला हो गया
सब कुछ इतनी शान्ति से हो गया
जैसे कुछ हुआ ही नहीं
इटालियन सरकार
तो कहती थी दंगे बहुत होंगे-
ज्ञान का आधार तुम देते ज्ञान की छाँव
सब गुरुओं के गुरु तुम मुझको जगह दो पाँव-
है कण्टक से पूर्ण प्रेम पथ, ज़रा सँभल के पाँव पड़े।
समझे जिसको तू अपना वो,चलकर कोई दाँव खड़े।।
कभी-कभी तो साथी से ही,
दिल पर धोखा तीर लगे।
साथी से तुम बच जाओ तो,
कर देते हैं वार सगे।।
प्यार उसे ही यहाँ मिला है, मुश्किल पथ पर यार अड़े।
है कण्टक से पूर्ण प्रेम पथ, ज़रा सँभल के पाँव पड़े।।
रातों की नींदें खो जाती,
दिन का उड़ता चैन कभी।
भाव सिन्धु में गोते खा कर,
मोती झड़ते नैन कभी।।
बढ़ने लगती धड़कन भी जब,दिल के साथ दिमाग लड़े।
है कण्टक से पूर्ण प्रेम पथ, ज़रा सँभल के पाँव पड़े।।
धारदार है राह प्रेम की,
फिर भी चलना ठान लिया।
स्वभाव जिसने सत्य रखा है,
उसने वश में प्रेम किया।।
सच्चाई साथी हो जिसकी, रचे वो कीर्तिमान बड़े।
है कण्टक से पूर्ण प्रेम पथ, ज़रा सँभल के पाँव पड़े।।-