QUOTES ON #अनाम_काव्य_संग्रह

#अनाम_काव्य_संग्रह quotes

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25 MAY 2020 AT 22:16

" हे मेरे कृष्ण ! "

हे हरि विष्णु,हे कुंजबिहारी,
हे हरि केशव,हे संकटहारी,
हे शालीग्रामा,हे दीनदयाला,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।

{ अनुशीर्षक में ! }

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9 MAY 2020 AT 12:14

॥ हल्दीघाटी ॥

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9 MAY 2020 AT 6:49

महाराणा प्रताप

माँ भारती के स्वाभिमान पर
आक्रामणकारियों ने जब आधिपत्य किया
तब माँ भारती पर होने अमर
एक अध्याय ने जन्म लिया।
{ अनुशीर्षक में पढ़ें }

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26 JUL 2021 AT 7:30

!! वह एक लहू !!






अनुशीर्षक में ..

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6 JUN 2020 AT 14:24

बस क्षण-भर न ठहर के,
तुमने कितने अश्क बहा दिए!
पर एक ज़रा से आंसू ने,
कितने राज़ बता दिए!

आए तुम बनकर वसंत,
और कितने रंग लगा दिए!
पर एक ज़रा से आंसू ने,
कितने रंग दिखा दिए!

क्षण भर के इस जीवन में,
तुमने कितनी यादें बिछा दिए!
एक ज़रा से आंसू ने,
कितने ख़्वाब सजा दिए!

देकर दिव्य-प्रेम का उपहार,
तुमने कितने अधिकार दिए!
उस एक ज़रा से आंसू ने,
कितने क्षण लौटा दिए!

अंतर की प्रतीक्षा ने बार-बार,
कितने अश्रु तुमपर वार दिए!
पर एक ज़रा से आंसू ने,
कितने कर्ज उतार दिए!

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4 APR 2021 AT 1:27

\\ रात एक संगीत है \\
~~~~~~~~~~~~~~~~~
स्वप्न डूबे लोचनो में,
विस्मृत यादों के क्षणों में,
अंचल में सोती यामिनी के
पुकारती कोई मीत है।
रात एक संगीत है।।





( अनुशीर्षक में ! )

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29 MAY 2021 AT 0:00

°°° माँ, मैं तेरी सोन चिरैया °°°

In caption..

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20 JUL 2021 AT 22:40

* सायली छंद *

हे!
सांवरियो पधारो
म्हारे आंगण संग
सावण री
प्रीत!


अनुशीर्षक में ...

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4 JUL 2020 AT 13:38

देखो सावन आया री..!

अनुशीर्षक में..

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9 MAY 2021 AT 15:18

माँ! कहो क्या मिलोगी मुझको?
तुमसे एक कविता का वादा रहा!

( अनुशीर्षक में.. )

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