तुम्हे कोई अंदाज़ा भी नहीं
कितनी ज़रूरत है मुझे तुम्हारी ।
सुनने को नोटंकी लगेगी हां इये सही ,
लेकिन यक़ीन मानो
तुम्हारे बिना सांस तक ठीकसे आता नहीं ।
तुम्हे कोई अंदाज़ा भी नहीं
तुम्हे किसकदर ज़रूरत है मेरी ।
इतना तलास है तुम्हारा
जैसे पैरोसे फिसल गई है जमीं ।
ऐसा कोई दुआ नहीं
जिसमें तुम्हे मंगा नहीं ।
फिरभी तुमने मेरा साथ दिया नहीं !
हां जानती हूं
मैं तुम्हारा काबिल नहीं !
लेकिन मैं भी क्या करूँ ?!!
तुम्हारे बिन जीना
जैसे सीखा ही नहीं ।
क्यों कि तुम्हारे बिन जीना पड़े
ऐसा काभी सोचा ही नहीं ।।!
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