किसी के पास सब कुछ हो कर भी
उसकी जिज्ञासा कभी खत्म ना हुई
किसी के पास कुछ भी ना था
फिर भी उसने अपना सब कुछ त्याग दिया
अब अपना सब कुछ खो कर भी
कोई कैसे कहे भला "छोड़ा भी नहीं जाता"-
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आप मुझमें कुछ ऐसे बसी हो
चाय में मिठास के लिए
जैसे चीनी घुली हो
अदरख सा मेरा रंग
आप चीनी सी सफेद हो
आपके होठों की मुस्कान कुछ ऐसी
जैसे चाय में गज़ब की स्वाद घुली हो
आप मुझमें कुछ ऐसे बसी हो
चाय में मिठास के लिए
मेरी जान, जैसे चीनी घुली हो
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बड़ा विचलित हूँ
समझ ही नही पा रहा मैं क्या करूँ
चलिए आपसबों को इसका कारण बताता हूँ
"अनुशिर्षक अवश्य पढ़े"..-
जैसे लिपट जाता है वो सागर से दरिया
किसी ने इश्क़ कहा दिल ने तुम्हारा नाम कह दिया-
तारों सी चमक है, तुम्हारी ख़ूबसूरत इन आँखों में
सच कहता हूँ, हाँ बस गई हो तुम मेरी आँखों में
दिल में धड़कन सी, बजती हो मेरे हर वक़्त
पीहू पीहू बोल कर, गूँजती रहती हो मेरी कानों में
ख़्वाबों में जिसे देखा था कभी, मेरी वही परी हो तुम
उन सपनों से निकल आओ, अब आ भी जाओ मेरी बाहों में
तुम्हारी आँखों से अधिक, तुम्हारी नाक का मैं दीवाना हूँ
दिल करता है इन्हें चुम लूँ, और बहता रहूँ तुम्हारी साँसों में
मुस्कान है तुम्हारी सबसे सुंदर, मन मोहक तुम्हारी भोली बातें
तेरी भोली सूरत मैं जब भी देखूँ, डूब जाता हूँ तुम्हारी आँखों में
वो मिठू मिठू कह कर, तुम्हारा हँस कर मुझसे बात करना
फ़िर इठला कर ग़ुस्साति हो, न जाने क्यूँ मेरी हर बात में
दिल लगता नहीं तुझ बिन कहीं, फिर ना रूठना तुम कभी मुझसे
देखो ज़रा मान भी जाओ, अब हँस भी दो फ़िर चाहत भरी मुस्कान में-
रहा नहीं जाता अब तुझ बिन कहीं
हाँ बुला ले मुझे अब दर पे तेरे
बहुत दुःखाया है दिल की सर झुकाए खड़ा हूँ मैं
हाँ तेरी चरणों की धूल में अब मिला दे मुझे
बरसा कर प्यार मुझे कर दे मालामाल
हाँ दरश दिखा कर अब नैनों को सुकून दे मेरे
सर को ठंडक नहीं मिलती किसी भी दर पर
हाँ एक एहसान कर अब आँचल तले छुपा ले मुझे
बड़ी कृपा होगी कि है बड़ी दयावान तू मेरी मैया
हाँ शरण में लेले अब "अमर" को तेरे-
खुशियों के आंगन में सुगन्धित फूल हैं सजे हुए
बहार है खुशनुमा चकाचौंध रौशनी से भरे हुए
मुझे ख़ुश देख अब यूँ "ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी"
जैसे चारों तरफ छा गई है वो इत्र सी महकते हुए-
ऐ दुनिया!
मैं तो एक अदना सा इंसान हूँ
बस खुशहाल भरी ज़िन्दगी की तलाश में रहता हूँ-
मैं हूँ बिल्कुल अटपटा सा कोई रंग गहरा
तू उजालों सा मुझमें बसा सुंदर सुनहरा प्यारा
राग सुनाती कोयल सी मेरे कानो को मिले आराम निराला
मुस्कुराए तू जब भी उड़ आए फ़लक़ में तितलियाँ बहुत प्यारा
नज़ारों में ख़ूबसूरती को मिली बरक़त है तेरा मासूम चेहरा
मिली है रौनक उस चाँद को भी तेरा सुंदर रूप सचमुच बड़ा प्यारा
हवाओं में ताज़गी तेरी ख़ुशबू से है फूलों से तेरा रिश्ता बेहद न्यारा
तेरे कदमों से मिट्टी भी हसीन लगे महकने लगी है ख़ुशबू कितना प्यारा
मिली है तू मुझ प्यासे को जैसे गंगा की बहती तृप्त धारा
जान सुकून है तू हाँ मेरे आँखोँ को है तू बेहद प्यारा-
अक्सर कहीं भी खो सा जाता हूँ , ना जाने क्यूँ कहाँ बताना बहुत मुश्किल है
सँभाले नही सम्भलता मेरा ये दिल कभी,हाँ सचमुच जबभी तेरी याद आती है
वो छुप कर तुम्हारा मुझे देखना, शर्माना मुस्कुराना फिर नज़रे नीची करना
तुम्हारी ये अदाएं दिल को बड़ा सुकून देती हैं, हाँ जबभी तेरी याद आती है
तुम्हारा गुस्से से मुझे देखना, फिर मेरा मुस्कुराना और तुम्हारा हाथ थाम लेना
हाय उन यादों में एक अलग ही खुशी है, हाँ सचमुच जबभी तेरी याद आती है
मेरे भद्दे से चुटकुले पर तुम्हारा मुह बनाना, फिर मुझे देख कर ठहाके लगाना
मेरी पलकें भीगा देती हैं वो तुम्हारा मासूम चेहरा,हाँ जबभी तेरी याद आती है
मेरे छोटी सी खरोंच पर तुम्हारा आँसूँ बहाना, हाथ पकड़ कर थप्पड़ लगाना
घाव चूमना गले लगाना रुला देती हैं मुझे,हाँ सचमुच जबभी तेरी याद आती है
जान जुड़ी है मेरी तुझसे, साँसे अटक जाती हैं जबभी तुम्हें दूर जाते देखता हूँ
मुझे छोड़ कर कभी मत जाना बस यही सोचता हूँ,हाँ जबभी तेरी याद आती है
हाँ सच है तुम्हारे बग़ैर जीना मुश्किल है,पर सुनो अब तुम मुझे याद ना आया करो
तुम्हारी यादें बहुत रुलाती हैं जान मुझे, हाँ सचमुच जबभी तेरी याद आती है-