बस ज्यादा कुछ नहीं कि,
जिस तरह से तुम मशगूल हो जाती हो
अपने हाथों के लिए चुड़ियाँ खरीदते,
हो जाओ कभी मशगूल उसी तरह
मेरे ख्यालों में भी डूबकर!-
जाने कौन सा कहर दिल में हुआ है नाज़िल
एक मुद्दत से जोरों से धड़का ना इसने ।
जुस्तजू जो इसकी थी तुमसे एक मुलाकात की
शायद वो पल कभी पाया ना इसने ।-
तुम्हें संवरता जो देख लूँ, तो कुछ टूटा हुआ मैं फिर से जुड़ जाऊँ
तुम्हें किनारे जो पा लूँ, तो इश्क़ में डूबा मैं फिर से पार पा जाऊँ
दूर से ही सही पर देखते हैं अक्सर तुम्हें
जो नज़र मिलाओ कभी तो मैं फिर से संभल जाऊँ!-
वो बैठी थी मेरे सामने और मैं देख रहा था उसे
कि उसकी आँखों से प्रतिबिंबित एक चेहरा,
हुबहू मुझसा नज़र आता था!-
राहें टकराएंगे जो मंजिल पर हमारे
तो हम तो जीत लेंगे मगर,
तुमको भी तुम्हारी किस्मत तक ले जाएँगे!-
दूसरों की बुराई करने से पहले कृपया इतनी जद्दोजहद खुद की अच्छाई गिनने में कर लेंगे तो बेहतर होगा कि आप एक और अच्छाई अपने व्यक्तित्व में जोड़ सकेंगे!
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कि गर मांग ले कोई एक बूँद
इश्क़ के, सागर से तुम्हारे भीतर
जो तुम देखो उन्हे प्रित भरी निगाहों से
कि बरस उठे प्रेम की बारिश
और कर दे उन्हें तर बतर!-
वो पहली मुलाकात
और उस पहली मुलाकात में ही
हमारे प्रेम की वो तेज बरसात...,
प्रेरणा हैं,
उन मेंढको के लिए कि
सिर्फ़ टर्र टर्र करने से
बारिश ना होती हुजूर
प्रेम भरी नजरों से भी कभी
ताको उन बादलों को
भीगाने आपको वो भी तैयार मिलेंगे
😋😘😍♡♡😍😘😋-
नफरत तो नहीं पर हाँ जलन होती है अब मुझे उसके दोस्तों से 'शशि',
कि वो हमेसा से उसके इतने करीब हैं,
जितने करीब मैं उसके कभी ना जा सका!-
और वो दर्द बयाँ करुँ मैं सिर्फ नम आँखों से 'शशि',
कि जब वो होती है दर्द में,
और मैं चाह कर भी ना पूछ सकूँ उसे उसका बयान ए हाल!-