QUOTES ON #YQMT

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1 SEP 2020 AT 17:39

Me to myself when my poem got featured at Pen n Popcorn 😊😎

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6 AUG 2017 AT 14:29

हम भी क्या निभाते हैं!

जो सच में रिश्ते हैं
ख़ुद ही निभ जाते हैं

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6 AUG 2017 AT 11:03

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14 AUG 2017 AT 17:24

मथुरा के कारे फिरि जमुना के धारे
जिन्ह पूतना को तारे मद कालिय पछारे हैं
गिरिवर धारे जिन्ह कंसहू को मारे
रथ पारथ हँकारे महाभारत सँवारे हैं 
सोई रतनारे जसुमति के दुलारे
जुग नैनन के तारे सारे गोकुल के प्यारे हैं 
नन्दजू के द्वारे लखो भोरे-भिनुसारे
सब सुरन्ह पधारे नभ छाए जयकारे हैं

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14 AUG 2017 AT 18:12

जमुना को जल भयो पावन परस कर
श्यामल बरन की बरनि अधिकाई रे!
एक आँगुरी पे धार चौदह भुवन माहिं
फेर दीन्हीं गोरधन नाम की दुहाई रे!
नन्दजू को गाम भलो जसुदा को लाल पलो
धन-धन! यहि ब्रजधाम की बड़ाई रे!
जामे लरिकाई जामे सारी प्रभुताई
मोरी अँखियाँ जुड़ाईं लखि कान्ह की कन्हाई रे!

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6 AUG 2017 AT 22:32

हम साथ रहे
एक अरसे तक
साथ ही बिताए
सब से अच्छे और सबसे बुरे पल
अपने-अपने घरों से दूर
एक-दूसरे का परिवार बनकर
खुशियाँ मनाते,
ग़म ग़लत करते हुए
एक-दूसरे की ताक़त बनकर

पर, समय!
खोल पर उड़ निकला
हम अपनी-अपनी राह चले ...

मैं उसका एक चम्मच ले आया

अब भी
खाते वक़्त लगता है
जैसे दोस्त अपने हाथ से खिला रहा हो ...

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6 AUG 2017 AT 12:44

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16 JUL 2017 AT 9:34

सावन की पूनम की चाँदनी की किरणों में
यौवन की लगन हुलास भरने लगी
गरज-गरज कर बदरा बरस रहे
बिजुरी की चमक अकास भरने लगी
अधखुली अँखियों के सपनों में झूलती-सी
निमवा की डरिया में आस भरने लगी
देख के चकोरी, आँखें मूँदकर कर गोरी
याद करके पिया को फिर साँस भरने लगी

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13 JUL 2017 AT 22:05

सावन की बारि नभ परत फुहारि
बहै सीरी-सीरी ब्यारि मन भरत हुलास रे!
अमवा की डारि भीजी-भीजी ब्रजनारि
चलैं फरिया सम्हारि मन झूलन की आस रे!
भानु की दुलारि सँग बिहरैं बिहारि
पिक गावत मल्हारि मन उरत अकास रे!
सबन्ह सों न्यारि बाट जोहैं त्रिपुरारि
पेय सकल बिसारि मन काँवर की प्यास रे!

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13 JUL 2017 AT 18:27

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