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She is not only the house wife but also is a home maker
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कुछ इस तरह मैं अपने अधूरे लम्हों को पूरा करना चाहता हूँ
लेकर अगला जन्म मैं फिर से तेरी गोद में आना चाहता हूँ-
करके शैतानियां मैं फिर से दूर भागना चाहता हूँ
जो पकड़े तू मुझे तो फिर से उस पेड़ पर चढ़ना चाहता हूँ
जो बोले तू उतरने को तो तेरी गोद मे ,
आकर फिर जमीन में आना चाहता हूँ
फिर पकड़ के तू कान मेरा जो सजा दे
उसे इस बार मैं कुबूल करना चाहता हूँ-
"माँ "ये शब्द सुनकर मैं अक्सर बहक जाया करता हूँ
जो सोचता हूँ इसके बारे में तो कभी रोता तो कभी मुस्कराया करता हूँ-
तेरे बारे में कुछ चंद शब्द लिखकर
तेरी अहमियत को समेटना नहीं चाहता
क्योंकि "माँ " शब्द ही ऐसा है
जिसको बोलते वक़्त हर शख्स सहम जाया करता है-
ज़िन्दगी ने मुझे मेरी माँ के न होने का
एहसास एक बार फिर से दिलाया ,
हुआ कुछ यूं की जब मैंने सबकी की छतों पर
दूसरों की माँओ को पापड़ बनाते पाया
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Poetry :-
याद है मुझे वो दिन जब तू मुझे सुबह उठाया करती थी
मेरे न उठने पर मेरे पास आकर बैठ जाया करती थी
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Wait 😉
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हाँ ! तुझे देखकर हम आंसू छुपा लिया करते थे
युंही इन्हें अपने अंदर समा लिया करते थे
डरते थे कहीं मेरी आँखों में आंसू देख
तेरी आँखों मे आंसू न आ जाये
कहीं ऐसा न हो ये हंसता हुआ चेहरा फिर से
मुरझा जाए
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इन जख्मों को नासूर होने से बचाऊँ कैसे
तू तो है ही नहीं इस दुनियां में तो बुलाऊँ कैसे-