जब इश्क़ इलज़ाम बन जाये तो तुम ख़ुद को शराब लिखना| जब इश्क़ इश्तहार बन जाये तो तुम ख़ुद को गुलाब लिखना| जब इश्क़ इंतजार बन जाये तो तुम ग़ालिब को मेरा सलाम लिखना| जब इश्क़ इत्तफाक बन जाये तो तुम ख़ुद को एक ख़्वाब लिखना| जब इश्क़ इरशाद बन जाये तो तुम ख़ुद को शबाब लिखना| जब इश्क़ इंतक़ाम बन जाये तो तुम ख़ुद को अज़ाब लिखना| जब इश्क़ किसी रोज इसलाम बन जाये तो इस मज़हबी दुनिया को खराब लिखना| और गर कभी इश्क़ इंकलाब बन जाये तो तुम ख़ुद को ख़ुदा का भेजा पैग़ाम लिखना| #vindiaries.....