कहने को बेहिसाब
फ़ाशले थे ,
मगर लिखने का
जरिया था...
वो क़ीमती
दास्ताँ थी , जहाँ इश्क़
बहुत गहरा था...
सच्ची उसकी
सीरत थी , मायुष
उसकी किस्मत थी....
खोया उसने रिस्ता था ,
जो उसका ही हिस्सा था...
दो दिल का टूटा
क़िस्सा था , राह में
छूटा साथी था....
कोरे कागज पर लिखा ,
एक अधूरी कहानी थी....
जो उसकी ही जुबानी थी....kanak
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