"rat bhar barish hoti rahi
sab dhul sa gaya
patte chamak rahe hai
asmaan saaf hai
dopehar hone ko hai,nind nahi ayi
yaadein bhatakti rahi
mai sangit sa mehsusta raha❤️....."-
30 JUN 2021 AT 14:59
19 JUL 2020 AT 7:59
तेरी ज़ुल्फों से मेरी कितनी शिक़ायत हैं
क्यों सताती हैं ये तुम्हें मेरे होते हुवे-
9 MAY 2019 AT 10:08
मुस्कुरातें भी हो तुम मुक़र जाते भी हो
ये तुम ही हो ना(?) या बदल जाते भी हो-
20 APR 2019 AT 7:56
इसी कश्मकश में अब ये
सारी रात गुज़र जाए
में छत पर आ जाऊ
और वो बादलों में छिप जाए-
12 SEP 2020 AT 10:00
उसके दामन से तो वास्ता छुड़ा कर आये
हम जान बूझ कर दिल वहाँ भूल के आये-
11 JUL 2020 AT 9:59
रास्तों में आना जाना लगा रेहता हैं लोगों का
कुछ मिल जाते हैं कुछ खो जाते हैं यहां-
27 SEP 2020 AT 11:19
भाग कर आएंगे वो सीने से लिपटने को
कुछ इस तरह दूरियों में भी चाहत बाकी हैं-