बालश्रमिक
फटे ,पूराने,गन्दे कपड़ो में आता है वह
वहीं चलती रेलगाड़ी के डिब्बो में
हाथो मे एक कटोरे को पकडे
चहरे पर दर्द को लिए
भिखारीयों सा भेष बनाता है वह
फटे ,पूराने,गन्दे कपड़ो में आता है वह
वहीं चलती रेलगाड़ी के डिब्बो में
भूखा है कई दिनो से,ये कहता हुआ
हर एक के पास जाता है वह
कोई वयस्क नही कोई बुजुर्ग नहीं
एक छोटा मासूम बच्चा(5-6वर्ष का) है
गले मे एक टेप रिकॉर्डर झूलाकर
मार्मिक गीत लोगो को सूनाता है वह
फटे ,पूराने,गन्दे कपड़ो में आता है वह
वहीं चलती रेलगाड़ी के डिब्बो में
भिखारी नही है,बाल-श्रमिक है वह
भिख नही मांगता,कोई उससे मंगवाता है
कोई है जो अपने स्वार्थ के लिए
छिपकर हमारे ही बिच उसे मांगने को डराता है
भूखा नही है वह,पर कोई उसे भूखो की तरह दिखना सिखाता है
भीखारी नही है,बाल-श्रमिक है वह
फटे ,पूराने,गन्दे कपड़ो में आता है जो
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