QUOTES ON #VIHAAN_CRYINGPEN

#vihaan_cryingpen quotes

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23 SEP 2017 AT 0:21

बेचती हूँ अपने जिस्म को महज रोटी के लिए।
सोती हूँ सैकड़ो के साथ घर चलाने के लिए।
न जाने क्यों ये दुनिया मुझे तवायफ़ बोलती है,
कभी कुछ भी तो नही किया हवस मिटाने के लिए।
ख़ुद की भूख मिटाने के लिए ज़माने को सुख दिया मैंने,
कभी नकाब नही पहना अपना सच छुपाने के लिए।
तुम क्या जानोगे मेरा दर्द, खून के आँसू रोती हूँ मैं भी,
कोई भी तो नही आता मुझे कभी चुप कराने के लिए।

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26 JAN 2018 AT 4:46

जिनको मेरे कौम के देशभक्ति पर शंका है ।
आज आकर देख लो, हर हाथ मे तिरंगा है ।

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11 JUN 2017 AT 14:55

I gave you everything.
She texted.

Blood drops from his injured hand fall faster than his tears.

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28 DEC 2017 AT 22:10

फेंक रहे जो तुम खाना क्योंकि,
आज रोटी थोड़ी सूखी है ।
थोड़ी इज्ज़त से फेकना साहेब,
मेरी बेटी कल से भूखी है ।

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9 JAN 2018 AT 18:09

उससे तंग आकर आप छत से फेंकने को लाचार थे ।
सीने से लगा कर रखती थी माँ, जब आप बीमार थे ।

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29 DEC 2017 AT 4:40

मेरे हिम्मत के आगे आज हर वो सपना बौना है।
जो उठाया हूँ हाथ मे, अब यही मेरा खिलौना है।

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22 FEB 2018 AT 19:08

उम्र बिता दिया हमने बच्चों का फिक्र करने में,
बच्चे अब व्यस्त है हमारे कमियों का जिक्र करने में ।

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7 FEB 2018 AT 19:27

मज़हब को अलग रख, तिरंगे का मेरा कफ़न कर देना ।
मुझे मस्जिद में जला कर फिर मंदिर में दफ़न कर देना ।

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15 SEP 2017 AT 16:51

She repudiated his ardour.
Still, he was jubilant.
Held her fractious heart
And dealt with impudent.

Calumny marked her umbrage.
Scene lacked the pellucid.
Prickled by her naunce & hate.
Nadir turned him callous & placid.

Extol replaced by feral fight.
Virtuoso still searching neophyte.

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5 FEB 2018 AT 2:10

मेरे मज़हब को जब चाहो, तुम आकर नंगा कर देना ।
थोड़ा और वोट चाहिए हो तो फिर एक दंगा कर देना ।

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