सच्चे दिल से इबादत करो तो
हर दुआ क़ुबूल होती है,
शायद मैने ही पूरी शिद्दत से
तुझे चाहने में कमी कर दी,
इसलिए तो आज, तु मेरे हिस्से में नहीं!!-
लोगों को खुश करते-करते रह गया तू उदास सा,
लोगों का साथ निभाते-निभाते रह गया तू अकेला सा।
अब बस कर!! खुद को तकलीफ देना बंद कर,
सोच अपने बारे में और बन जा खुदगर्ज तू!!-
वो तुम्हे सीढ़ियों- सा इस्तेमाल,
कर मंजिल तक पहुँच जाएँगे।
और तुम्हे लगेगा कि तुम,
तो दोस्ती निभा रहे थे!!-
वफ़ा की नसीहत देते थे, बेवफाई खुद कर गए।
हमारी हँसती तस्वीरें देख, हमे खुश करार देते हैं।
अगर आँखों में झांकते, तो गम के सैलाब में डूब जाते।
अगर बेहद थी हमारी महोब्बत, तो बेइंतिहा होगी हमारी नफरत!!-
तुम उनके साथ पूरी जिंदगी बिताने की बात करते हो,
जो तुम्हारा साथ चंद दिनों में छोड़ देते हैं।
दुबारा लौटकर उनके बाहों में मत जाना,
कयोंकि तुमसे अच्छा, तुम्हे कोई और समझ नहीं सकता,
और तुमसे ज्यादा प्यार, तुम्हे कोई और कर नहीं सकता।।-
कभी किसी से प्यार नहीं करना,
हो जाए तो कभी इंकार मत करना।।
निभा सको तो ही हाथ पकड़ना,
यूँ ही किसी की जिंदगी बर्बाद ना करना।।-
जिंदगी में वक़्त ढ़लते देखा है।
मैने अपनो को बदलते देखा है,
भरोसे के साथ खेलते देखा है!
मैने गेंरौ को बदलते देखा है,
मुसीबत में सहारा देते देखा है!-
बताने को-
कुछ खास नहीं हस्ती हमारी ,
जो दिल में आया शब्दों में पिरोती गई।
मेरे अल्फ़ाज़, मेरी सोच है,
खामोश हैं, मगर बेजुबान नहीं।।-
तेरी अकड़ तेरी नाकामयाबी का सबूत है।
वो मुझे क्या?
बर्बाद करता, जो खुद के काबिल ना हो!
वो मुझे क्या?
प्यार करता, जो खुद में मुकम्मल ना हो!-
मुझे उसके साथ चलना था,
लेकिन उसे किसी और का हाथ थामना था!
मुझे उसके बेपरवाह सपनों से प्यार था,
लेकिन उसे किसी और के ख्वाबों से इकरार था!
मुझे उसके बेतुकी बातो पर विश्वास था,
लेकिन उसे किसी और के लफ़्ज़ों पर यकीन था!-