नजदीकी फायदा
देखने से पहले,
दूर का नुकसान
सोचना चाहिए।-
26 MAY 2021 AT 10:12
मैं अपने ख्यालों से सुखा हुँआ वृक्ष,
जो किसी के सलाह रूपी पत्तों से,
हरा-भरा नहीं होने वाला।
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16 JAN 2021 AT 14:13
6 JUN 2021 AT 10:49
सब कुछ सुलझा हुआ है,
फिर भी उलझन में हूं मैं।
सब कुछ तो पास ही हैं,
फिर भी किसी खोज में हूं मैं।
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17 JAN 2021 AT 12:16
वो बनारस का किस्सा
नही कहानी हैं,
मैं कुल्हड़ की चाय वो
गंगा का पानी है।-