उन्हें यकीन नही था दोस्ती पे हमारी,
तभी तो वो हमसे डरते थे,
हम कहते थे जब भी मिलना है हमें,
वो तो बस ना ना करते थे।
कुछ कमी थी शायद हमारी ही वफ़ा में,
वरना प्यार तो वो भी हमसे करते थे।
हम बस दोस्त थे जो हमेशा रहेंगे,
पर पता नही वो हमपे यकीन कब करेंगे।
दुआ है सलामत रहे ये दोस्ताना हमारा,
हम मिले ना मिले पर खुश रहे यारा हमारा।
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