वो कभी वक्त की मोहताज नहीं होती
कभी सवेरा होने से पहले नहीं सोती
दर्द-ए-उल्फत उसकी आँखो में..
नींद कम और सपने ज्यादा है
आपकी नीव नहीं होगी मजबूत इतनी
जितना बुलंद उसका ईरादा है-
Pehli Baar Kisi Ke Sath Itni
Achhi Lag Rahi Thi..
Pehli Baar Kisi Ki
Jhooti Baate Bhi
Sachi Lag Rahi Thi..
Yun Toh Badi-Badi Baate
Likh Diya Karti Thi..
Par Tujhse Milkar
Khudke Hi Nazro Me
Bachhi Lag Rahi Thi..-
मेरी उंगलिओं से पुछो..
तुम्हारी जुल्फों से
कितनी पुरानी मोहब्बत है..-
मैं अल्फाज़ लिखुँगी
तुम जस्बात समझ लेना
मैं मोहब्बत लिखुँगी
तुम उसका नाम समझ लेना-
दिख जाओ अब कभी
किसी मोड़ पर कहीं
नजरे मिलने पर
दिल की रफतार बदल जाँए
अब वो हालात नहीं आते
तुम्हें किसी गैर के साथ देख
उस मंजर से मुकर जाउ
जेहन में ये
जस्बात नहीं आते
बात इतनी सी है
के तुम याद तो हो
मगर याद नहीं आते
-
युँ तो दिखती शांत है वो
लेकिन अंदर एक अजीब सा शोर हैं
लोग समझते है सब संभाल लेती है वो
पर सिर्फ उसे पता है वो कितनी बेबस और कमजोर है
युँ तो उसे फर्क नहीं पड़ता किसी से
पर अपनों को खोने से डरती वो हैं
वैसे तो नकाब़ पहने घुमती है दिन में
सिर्फ रात उसके असली चेहरे से वाकिफ हैं
कहते है उसे बेपरवाह है वो
पर सबसे ज्यादा वो अपनों की परवाह करती है
अपने आप से बेख़बर है वो
पर अपनों की तबियत नासाज देख नहीं पाती हैं
हसते देखा है लोगों ने उसे
सुना है टुट के रोते वक्त आईने तक छुपाती हैं-
फ्क़त शायरी लिख देते है साहेब
कोई शायर-ए-ग़ालिब नहीं
हाँ..मोहब्बत जरुर लिख देते है
लेकिन मोहब्बत के काबि़ल नहीं-
Love Yourself Because No Amount Of Love From Others Is Sufficient
To Fill The Empty Desire
That Your Soul Requires From You..-
Udaas Mat Raha Karo
Mujhse Bardash Nahi Hota..
Mein Apna Har Gam Bhul Jaati Hu
Tumhe Hasta Dekhkar..-