पृथ्वी जिस के गिर्द घूमती हैं, रविवार आदित्य का दिन आया है,
भानु को जल अर्पण व नमस्कार करना समृद्धि को भारतीय संस्कृति ने सिखाया है...
भास्कर की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण समस्त ग्रह इसकी तरफ खिंचे रहते हैं,
प्रभाकर की ऊर्जा पेड़, पौधे, समुद्र ,सोख लेते हैं।
दिनेश की ऊर्जा पानी को भाप बनाने में काम आती है, इसलिए दिवाकर की नर्म धूप सर्दियों में खूब भाती है।-
भानु रविवार के स्वामी हैं, ब्रह्मा जी के मुख से ॐ शब्द प्रगट हुआ,
ब्रह्मा जी के चारों मुख से चार वेद और ओंकार के तेज से मिलकर सूर्य देव का प्रगट हुआ स्वरूप,
भर सर्दी में हमें राहत देती है भानु की धूप।
दिनेश की रश्मियां जब घर-घर आती हैं, खुशी की लहर सी दौड़ जाती है...
इसलिए समृद्धि करती है आदित्य को प्रणाम,
रविवार को सूर्य देव जी को जल अर्पण करने का सबसे पहले करे काम।
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दिनेश की सात रश्मिया है, आदित्य की सात किरणें: बैंगनी, जामुनी, नीली, हरी, पीली, नारंगी और है लाल, भानु के गिर्द पृथ्वी के चक्कर लगाने से बनते हैं साल।
इन सात रंगों को तीन भागों में बांटा है: गहरा, मध्यम,हल्का
इस प्रकार 7×3 करने पर 21 किरणें बनती हैं, यही किरणें सारे विश्व को रोशन करती हैं..
Prism में देखने पर जो सात रंग नजर आते हैं वहीं सात रंग इंद्रधनुष बनाते हैं...
समृद्धि को भाते हैं यह सारे रंग,
प्रभाकर की कृपा सदैव रहे आपके संग।-
भास्कर की जो व्यक्ति रविवार को आराधना करते हैं,
उनके चेहरे पर तेज रहता है ऐसे व्यक्ति दूसरों को आकर्षित करते हैं।
क्योंकि दिनकर की उर्जा से नकारात्मक सोच से मुक्ति मिलती हैं और सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है।
स्वभाव में निडरता और शरीर बलवान रहता है समृद्धि का यही है कहना यदि मन से अहंकार,हीन भावना,ईर्ष्या से दूर है रहना तो आदित्य पर प्रत्येक रविवार जल अर्पण करते रहना।-
सूर्य देव को जल अर्पण करने से, सूर्य देव हमेशा उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं,
जल चढ़ाने से मन एकाग्रचित्त होता है जिससे सीखने की क्षमता बढ़ती है,
ऐसे व्यक्ति जटिल समस्याओं के समाधान सरलता से करते हैं,
इसीलिए वह सत्य कहने से कभी नहीं डरते हैं।
यह आभा उनके मुख से झलकती है,
उनके अंदर अच्छे कार्य करने की आग हमेशा जलती है।
समृद्धि का है यह कहना , हर रविवार को सूर्य नमस्कार दिल से करते रहना।-
विज्ञान ने भानु की उपयोगिता को स्वीकार किया है, हमने हाथ जोड़कर दिनेश को प्रणाम किया है।
क्योंकि हम सबको पता है कि भास्कर ऊर्जा का है सबसे बड़ा स्त्रोत,
किंतु इसका इस्तेमाल अच्छी तरह नहीं कर रहे हैं हम लोग।
मार्तंड में प्रचंड रोग नाशक शक्ति है,
दिनेश की रश्मियों में बैठने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
धूप में प्रत्येक वस्तु को रखें जो खाने से संबंधित आप आजकल लेते हैं,
उससे कीटाणु नष्ट होते हैं।
आज कल अगर धूप में बैठ नहीं सकते, तो थोड़ी देर धूप में सैर करें,
ताकि कोरोनावायरस दूर भागे।
आज रविवार के दिन भानु से समृद्धि करती है प्रार्थना,
की हे सूर्य भगवान, हमारे देश से कराओ कोरोना का खात्मा।-
सूर्य में सभी रंग समाहित हैं लेकिन यह हमें सफेद, लाल या पीला नजर आता है,
समृद्धि को भास्कर पर जल अर्पित करना बहुत भाता है...
भास्कर की सप्तरंगी किरणों में अद्भुत रोग नाशक शक्ति मौजूद है,
और औषधीय गुणों का अपार भंडार है...
तापन अनेक रोग कीटाणुओं का नाश करता है, दिनेश शरीर के सभी रोगों को हरता है...
ऋषियों मुनियों के अनुसार जिस घर में सूर्य का प्रकाश नहीं आता है,
वहां हमेशा डॉक्टर जाता है...
रविवार को सबसे पहले सूर्य को करें नमस्कार, आप सबका मंगलमय और खुशियों भरा हो रविवार।-
भास्कर की तेज ऊर्जा के संग, ओम का उच्चारण सुनाई देता है,
सभी श्लोक और मंत्रों का उच्चारण ओम शब्द से ही शुरू होता है...
NASA ने इस ध्वनि को सारे संसार को अब है बताया, ऋषि-मुनियों ने पहले से ही वेदों के द्वारा अवगत था कराया...
रविवार को भास्कर पर जिसने जल है चढ़ाया,
दिनकर की कृपा के साथ-साथ उस मनुष्य ने निरोगी शरीर भी पाया।-
रविवार के दिन दिनकर का करें ध्यान,
सूर्य को जल चढ़ाकर रवि को करे प्रणाम
प्रत्यक्ष देव के रूप में श्री मार्तंड है विद्यमान...
दिनेश के उदय होने से सभी जीव जंतुओं में पड़ते हैं प्राण।-
न जाने कितने सच और झूठ देखे, फिर भी उसी सच्चाई के साथ उगता हूँ ,
मेरा तपना जलना कोई ना देखे, रोशनी सबको देता हूँ।-