QUOTES ON #SURBHISAYS

#surbhisays quotes

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2 JAN 2022 AT 12:10

हर साल हर नर्म दास्तान ,
लिपटा है यादों में हर वो इंसान ,
जो छोड़ चला जाता , जज्बातों का चीड़ फाड़ ।

उम्मीदों के बावले इन्तेज़ार की औकात बता जाता ,
की क़र्ज़ हो तुम , मजबूरी चुकाता ।

देखो वो पड़े है मेरे नोचे हुए उम्मीदों के पंख ,
सियाही में डूबा हुआ ,
लिख रहे है दिल का छुआ...

इस उम्मीद में कि
पंख में फँसे बोझ कम हो जाएंगे ,
हिम्मत के धागे इसे वापस सिल पाएंगे।



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12 JUN 2022 AT 10:47

And the plateaus of sigh ,
are growing high ,

With the meadows of happiness ,
thriving lifeless !

The dooming present ,
and persistant accentuating repent ,

strangulating the emotions !

The feels on edge ,
with no one to even pledge ,

Here’s the broke soul ,
summoning GOD to patch this hole !

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12 OCT 2021 AT 1:17

जुनून – ए इश्क की क़ैफ़ियत पूछो ना हमसे ,

कि मझधार फसी भावनाओं की कश्ती ,

ज़लालत में डूब गई ! 

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22 SEP 2022 AT 0:47

बारिश की बौछार से
भीगा हुआ मेरा दिल ,
धूप की गुनगुनाहट से ,
सेंकता हुआ मेरा दिल ,

तेज़ हवाओं की थपेड़ों से
चीरता हुआ मेरा दिल ,
झुंझलाहट की मार से
थका हुआ मेरा दिल ,

तेरे साथ होने के एहसास से
सब सह लेना चाहता मेरा दिल ,
तेरी मोहब्बत से बुने घरौंदा से ,
ठहराव समेटेना चाहता मेरा दिल ।





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22 APR 2022 AT 12:52

एक तरफ़ा
(READ CAPTION)

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16 OCT 2021 AT 14:57

आँखों के तिनके इतने मशगूल थे कि

नज़रें चार

मुसलसल अश्क के नमकीन एहसास ,

इन्तेज़ार मुकम्मल कर गया । 

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13 OCT 2021 AT 12:53

मुंतज़िर निगाहें , लेकिन
दिलों में अफवाहें , कि
मेरी दास्तान ए मोहब्बत ,
तेरे बेफिज़ुल मुड़ के देखने का अंजाम है।

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20 SEP 2022 AT 21:30

To
a heart racing ,

are you still into trading ?

Trading of those bloomy sentiments into attachments ?

And profiting it into detachments ?

- From a broke soul

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1 DEC 2021 AT 11:18

वादे थे सबके साथ ना छोड़ने के ,
देखो आज आँसू ही हाल पूछते है ,
गूंजती धड़कने , सिसकती साँसें ,
देखो आज आँसू ही हाल पूछते है ,
जिसे चाहो , वही दूर हो जाता , और ऐसे मेरा आत्मविश्वास भी मुझसे कह जाता कि ,
“देखो आज आँसू ही हाल पूछते है , “

सवाल है दिल में
कि क्या खुशियाँ भी रहती नसीब के बिल में !
नम रहता सिरहाना मेरा ,
अंधेरे की बात है ,अंधेरे तक रहने देना ,
टूट चुके है हर ज़ज्बात मेरे ,
लेकिन हर बार
इन कांपते हाथों को थाम लेते
बुढ़ी माँ के प्यार के बसेरे ।

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9 OCT 2022 AT 0:14

क्यूँकी वो कहते है ना कि

कुर्बानी ऐसी करो की

पीछे मुड़ने में दर्द ना हो ,

यूँ उन जानी पहचानी जगहों के गुजरने पर

धड़कने सर्द ना हो ,

दिखाई देती है ना वो गुफ़्तगू की झलकियाँ ,

आँसुओं से ऐसे मुक़म्मल करो की

नजरे साफ , इज़हार-ए-मोहब्बत मे इसबार

सुकून के पल ही पल हो।

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