QUOTES ON #SUBHALAKSHMI_PATTNAIK

#subhalakshmi_pattnaik quotes

Trending | Latest
19 MAY 2023 AT 0:31

बस इतना ही
-----------------------------------------
रात का कालापन पसंद है मुझे
मैं बेझिझक तुम्हें याद कर पाती हूँ
जो दर्द दुनिया के सामने नहीं आते
अश्क़ के सहारे भूलाने की कोशिश करती हूँ।
निःशब्द के सहारे,
खुदको टटोलना अच्छा लगता है
शीतल वायु में ,
तुम्हें महसूस करना अच्छा लगता है।
देखो न! आजकल आँसू भी धोखा दे देते हैं
दिल जलते हैं बहुत, पर वह जैसे सूख गये हैं
तुम्हें पाने की उम्मीद नहीं, न खोने की इच्छा
बस तुम्हें चाहता है दिल,
इस जन्म के लिए शायद इतना ही काफी है।

-


13 JUN 2024 AT 0:01

किसीने पूछा,
जोड़ियाँ कैसी होनी चाहिए
मैंने कहा,
जैसे सिया के राम
राधा के श्याम
जैसे शिव की पार्वती
बरखा और मिट्टी
जैसे प्रेम और अबोध
लक्ष्मी के माधव।

-


7 SEP 2021 AT 20:07

एक एहसास
-----------------
महीना है भादौ का, दिल में जागा है अरमान प्रिये
बरखा दे रही है पीड़ा, तुम क्यों हो इतना दूर प्रिये।

तुम बादल बनकर आओ, ज़रा तुम्हें निहार लूँ
एक बूँद बनकर मुझे छू लेना, मैं ज़रा निहाल हो जाऊं।

तुम्हारा सपना है प्यारा, क्यों मुझे जगाते हो
खो जाने दो मुझे , क्यों मुझे सताते हो।

यूँ जो दूर रहते हो, क्या तुम्हें अच्छा लगता है
सच बोलूँ ,तुमसे मिलने के बाद ज़माना अब सच्चा लगता है।

तुम अनुराग बनकर आओ, मैं पराग बन जाऊं
ज़माने को भूलाकर ,मैं खुद को तुम्हें समर्पित कर दूँ।

-


19 MAY 2021 AT 11:30

शिकायत है तुमसे, तुम मुझे भूल गये हो
बहुत सारा सपना दिखाकर, मुंह मोड़ लिये हो।
एक बार सोचो ज़रा, मैंने तुमसे क्या माँगा है
घड़ी भर प्यार दे कर, इंतज़ार ही तो किया है।
तुम्हारे ऊपर अधिकार जमाना, जैसे मेरा हक़ नहीं
पर खामोश रहकर सहना, अब मेरे बस की बात नहीं।
शिकायत भी किससे करुं, यहाँ अपना ही कौन है
ख़ुदा तो फ़रियाद सुनते नहीं, जहां में सब मौन है।
आख़िर कब तक, भगवान भी नज़रअंदाज़ करेंगे
जन्म दे कर भूल गये मुझे, या कभी कृपा दृष्टि डालेंगे।
मन करता है अंतध्यान हो जाऊं, शौक के लिए नहीं
मुझे ढूँढने आओगे न? देखो झूठ बोलना नहीं।
पर सामर्थ्य से सब बाहर है, सब मुझे सहना होगा
धड़कने भी रुकते नहीं, क्या तुम्हारे बिना जीना भी होगा।
किसी ओर का होना नामंजूर है मुझे, ये मेरा पागलपन नहीं
यक़ीनन प्यार किया है तुमसे, मेरा प्यार इतना भी कमज़ोर नहीं।
पर बेबस हूँ मैं, बेबस साँसे हैं
जब तक जिउं जिन्दा लाश बनकर, यही उम्मीद है।

-


7 MAY 2021 AT 18:31

अपनों की आँखें असहाय लगती है
अपना सिर आजकल बोझ सा लगता है
बाहर मृत्यु के अंधकार के मध्य
मेरा कमरा जैसे बोलने लगता है ।

-


4 AUG 2021 AT 2:34

मैं और तुम
***********
मैं कोई भटकता नाव, तुम साहिल हो मेरा
मैं एक रंग बेरंग सा, तुम रंग हो प्यारा प्यारा
मैं धरती का वामन, तुम आकाश में स्थित तारा
मैं अनसुना कर्कश स्वर, तुम सुरीला अंतरा ।
मैं अधीर एक पथिक, तुम असीम धैर्य हो
मैं टूटा हुआ एक पत्ता, तुम आश्रयदाता हो
मैं एक अपूर्ण सपना, तुम मेरी मंजिल हो
मैं पैरों की बिछिया, तुम माथे का सिन्दूर हो ।
मैं पिंजरे में कैद पक्षी, तुम खुला आसमान
मैं एक मरहूम ख़्वाब ,तुम सुन्दर अरमान
मैं बदनाम मधुशाला, तुम आलय सा सम्मान
मैं बदनसीबी का प्याला, तुम अंगूर का जाम।

-


11 JUL 2021 AT 13:35

इस उपेक्षा के मध्य, क्या हमारे बीच कोई उम्मीद बाकी है
जहाँ सिर्फ़ हम तुम हों , क्या ऐसी कोई जगह बाकी है
तुम्हारे वक्षस्थल में, क्या मेरे लिए अब भी वह स्थान मौजूद है
तुम्हारे दर्शन के आकांक्षी के लिए और कितना दर्द बाकी है......
और कितनी अपेक्षा बाकी है......!!!
और कितनी उपेक्षा बाकी है.......!!!

-


10 JUL 2021 AT 12:12

राह तेरी-मेरी अलग है
पर पता नहीं क्यों
तुमसे सामना हो गया
तुम पक्षी हो,
किसी और का धरोहर
मैं चाहत के कारण
तुम्हारा मालिक बन गया।

-


28 APR 2021 AT 12:56

मैं लिखती हूँ तुम्हारे लिए
पर ख़त तुम तक नहीं पहुँचता
मैं कितनी भी कोशिश क्यों न करुं
तुम्हारे लिए प्यार कम नहीं होता
क्यों ज़िद पर अड़े हो
मान क्यों नहीं जाते
मौत के ताडंव के मध्य
पता नहीं कब साक्षात हो
गुस्से को भूलकर
थोड़ा इज़हार क्यों नहीं करते ।

-


8 MAY 2021 AT 22:10

Delicious Food
And
Silk Saree
Berhmpur
The Silk City Of Odisha.

-