कालाबाज़ारी
जान का सौदा हैं करते, शर्म आती ही नहीं,
सीने में पत्थर है इनके दिल तो बिल्कुल है नहीं
मौत का ये खेल खेलें खुद बड़ी ही शान से,
इनकी वजह से लोग कितने हार जाते जान से।
खेलते हैं शौक से ये इस देश की आन से,
कोई भी मतलब नहीं है इनको इसके सम्मान से।
देश की हर आन का कर चुके हैं ये हनन,
अपनी हर अच्छाई को कर दिया कब का दफ़न।
रगों में इनकी बहता है पानी, बहता नहीं है खून लाल,
इंसान तो हैं ही नहीं ये, मौत के सब हैं दलाल।-
24 MAY 2021 AT 7:15
22 MAY 2021 AT 10:22
सफरचंद पडल अण गुरूत्वाकर्षणाचा शोध लागला
इथ आज दररोज माणस मृत्युशी झुंज देताना पड़त आहेत
पण माणुसकीचा शोध काहि लागत नाही 😌
विदारक सत्य 😑
#stopblackmarketing-