Priyanshu Agarwal   (Prince)
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Joined 25 October 2019


Joined 25 October 2019
26 FEB 2022 AT 8:27

न जाने कैसे चाँद को देखकर प्रेमिका की तारीफ़ करते हैं लोग,

वो तो चमकता भी है तो भी रोशनी सूरज की होती है।

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25 FEB 2022 AT 12:23

मोती


न जाने कितने मोती झरे होंगे उस दिन उसकी आँखों से,

जब दिल की बात समझने वाला कोई अपना मिला।

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23 FEB 2022 AT 9:14

गुज़रते हुए उस गली से वो मुस्कराती सूरत याद आती है,

फूलों की महक बागों की हरियाली याद आती है,

और जब कभी पड़ती है सूरज की रोशनी उस मकान पर,

एक प्यारी मुस्कराती मूरत याद आती है।

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19 FEB 2022 AT 7:39

व्यक्ति विवशता

कौन कहता है कि अनगिन खुशियों से भरा है संसार,
ज़रा नज़रें उठाकर देखो हर व्यक्ति है कितना लाचार।
कितनों ने घर छोड़े अपने कितनों का छूटा परिवार,
कोई विवश है कोई निरुपाय किसी पर है रक्षण का भार।
बाहर से सब खुश हैं किंतु भीतर चलता द्वंद्व अपार,
किंतु यदि चाहे भी व्यक्ति तो नहीं सकता इसे नकार।
सबकी सहायता को जो तत्पर स्वयं स्वयं से है लाचार,
कौन कहता है अनगिन खुशियों से भरा है संसार।

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26 JAN 2022 AT 8:31

गणतंत्र

खून बहाकर जान गँवाकर किया जिन्होंने देश स्वतंत्र,
उन वीरों के कारण ही तो मना पा रहे हैं गणतंत्र।
आज ही के पावन अवसर पर हुआ था लागू संविधान,
जिसने सब देशों के सम्मुख भारत देश को रखा महान।
तानाशाही गई देश से लोकशाही का आया मौसम,
संविधान के आ जाने से मज़बूत बना साधारण जन।
सबको मौलिक अधिकार मिले, भिन्न-भिन्न कुछ द्वार खुले।
भारत माँ की शान बढ़ाने हम तिरंगा फहराते है,
आदर सम्मान में भारत माँ के अपना शीश झुकाते हैं।
इसी दिवस की गरिमा रखने फैलाते है शुद्ध विचार,
सभी मिलकर साथ मनाते लोकतंत्र का यह त्योहार।
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21 NOV 2021 AT 13:21

नारी सम्मान

सुनो सभी जन नींद से जागो नारी का सम्मान करो,
यदि है कोई अहम तो त्यागो उसका न अपमान करो।
यदि जो ऐसा हुआ प्रभु के क्रोध से न बच पाओगे,
अपने ही किए कर्म का दंड स्वयं ही पाओगे।
यदि भरोसा न हो तो देख लो वेद उपनिषद और पुराण,
बात के सत्य होने के मिल जाएँगे कईं प्रमाण।
रावण ने सीता को हरकर दिया युद्घ को जब अंजाम,
जानता है संसार यह सारा क्या हुआ उसका परिणाम।
भरी सभा में दुशासन ने जब द्रौपदी का अपमान किया,
भूल अपने कुल की मर्यादा चीर हरण का काम किया।
उसी कृत्य से महाभारत का महासंग्राम था शुरू हुआ,
जिस भीषण आँधी में परास्त शिष्य के हाथों गुरू हुआ।
प्रलयंकारी भीषण युद्ध में सारे कौरव हार गए,
नारी सम्मान हनन करने पर सब परलोक सिधार गए।
नारी के सम्मान के ऊपर जो भी आँख उठाता है,
पुण्य नष्ट कर भस्मासुर सम स्वयं भस्म हो जाता है।
इसीलिए कहते हैं सबसे प्रेम भाव से ध्यान धरो,
सुनो सभी जन नींद से जागो नारी का सम्मान करो।

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15 NOV 2021 AT 9:18

ज़िंदगी के साथ बहते चले जाते हैं

ज़िंदगी के साथ बहते जाते हैं,
पूरी शिद्दत के साथ उसका साथ निभाते हैं,
ज़िंदगी की जंग निरंतर लड़ते जाते हैं,
जीने की होड़ में सब कुछ लुटाते हैं,
कुछ लोग हैं जो सुख की छाँव पा जाते हैं,
पर अधिकांश लोगों के हिस्से में बस अंगारे ही आते हैं,

ज़िंदगी के साथ वक्त बिताने में इतना व्यस्त हो जाते हैं,
कि खुद के वक्त बिताने को वक्त निकाल नहीं पाते हैं
ज़िंदगी के साथ बहते चले जाते हैं।

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29 SEP 2021 AT 19:24

कितना विवश हूँ मैं आज

कितना विवश हूँ मैं आज !
मन व्यथित है आज न जाने किस बात पर,
नैन जल निहित हृदय द्रवित है जाने किस हालात पर।
समझ कुछ भी आता नहीं जाकर समझाऊँ किसे,
क्या वजह ह इसकीै आख़िर, मैं ये बतलाऊँ किसे।
न जाने किस बात से इतना दुखी है आज मन,
न जाने कहाँ खो गया वो सदैव जो रहता प्रसन्न।
जान नहीं पाता हूँ कि मन डूबा है किस बात में,
प्रसन्नता भी सो रही है जैसे काली रात में।
न जाने कैसे लौटेगा प्रसन्न चित्त वापस वही,
हर क्षण कहीं पर बैठकर सोचता हूँ बस यही।
कितना विवश हूँ मैं आज !

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22 AUG 2021 AT 7:44

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन का त्योहार, आया लेकर हर्ष अपार।
घर-घर में खुशहाली छाई, नव आनंद की लहर आई।
भाई ओर बहन का प्यार, परम पवित्र निश्छल निस्वार्थ।
इसी प्यार को जीवित रखता रक्षाबंधन का त्योहार।
भाई को रक्षा सूत्र बाँधकर अपनी इच्छा को बतलाया,
भैया ने बड़े प्रेम से देकर वचन उसे हर्षाया।
थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा है इस रिश्ते का संसार,
प्रेम से हो मुबारक सबको रक्षाबंधन का त्योहार।

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15 AUG 2021 AT 12:51

भारत देश महान

देश के लिए बलिदान हुए अनगिन उज्ज्वल सितारे हैं,

मरकर भी नहीं मरे ऐसे वीर हमारे हैं।

जान तक दाव पर रखकर जिन्होंने सदा निज कर्तव्य निभाया,

होकर निडर शान में भारत माँ की सदा तिरंगा फहराया।

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