अक्सर मेरे सामने हर वो सवाल आ जाता है
जिसका जबाब मेरी मुस्कुराहट के कफ़न
पर लिखा जाता है
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7 JUL 2020 AT 19:40
16 JUN 2020 AT 17:56
न जाने किस गुनाह की सजा दे दी
उसे लिखकर किसी ओर के नसीब में
मेरे खुदा ने ही मुझे मौत दे दी
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1 MAY 2020 AT 12:15
हर किसी से उलझने की आदत नई लगी है
जब तहकीकात की तो पता चला
उनके जाने के गम में मेरी लाश मेरे ही अंदर पड़ी है-
23 MAR 2020 AT 18:57
मोहब्ब्त तो उनकी सच्ची थी
जिनके खून की खुशबू से आज भी
हमारे देश की मिट्टी महकती है-
20 FEB 2020 AT 20:32
सवालों की गुंजाइश उस रिश्ते में होती है
जिस रिश्ते मैं विश्वास की कमी होती है-
23 DEC 2019 AT 18:45
Na use kuch kehna tha
Na mujhe kuch sunna tha
Bs kahmoshi se
ek dusre Ko smjhna tha-
13 APR 2021 AT 18:16
समझ नहीं पाती मैं ये मंदिर , मस्जिद के झगड़ों को
क्या खुदा और भगवान भी लड़ते होंगे चंद जमीनों के टुकड़ों को???-
16 MAY 2021 AT 12:31
मोहब्बत भी ऐंसी की है वो खुदा भी सोचते होंगे
जो पहले ही मर चुकी है उसे मारूँगा कैंसे-
2 MAY 2021 AT 19:04
उनसे कह दो कफ़न खरीद कर रखें
मर जाएंगे हम भी चैन से
शर्त ये है कि जहर वो पिला दें-