ग़रीबों के दाता हो गर तुम मुरारी,
तो मेरी पार नैय्या भी लगानी पड़ेगी।-
क्यों तौल दिया तुमने
इंसान को उसकी जातों से,
मुफ़लिसी में पेट किसी का
भरता नहीं हैं बातों से।-
बादल बरसे, पर हम घुट घुट रोये,
ऐ मेरी जिंदगी, अब क्या क्या खोयें?😔
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सुना है बहुत रौनक है तुम्हारे शहर में ऊंची इमारतों की,
कभी आके देखो मेरे गांव की खूबसूरती क़ुदरत के हाथों की।-
झुकना पड़े किसी के आगे वो वक़्त का फ़ेर होता है,
रणभूमि में योद्धा के आगे, कायर ढेर होता है,
वो देश के लिए ऐसे दौड़ा कि उसे रोकना था मुश्किल,
लाखों में पैदा एक "मिल्खा सिंह" जैसा शेर होता है।
विनम्र श्रंद्धाजलि💐-
लोगों की भीड़ थी पर वहाँ मेला नहीं था,
गैरों के बीच में कभी अकेला नहीं था,
अब कुछ ऐसे टूट चुका हूँ कि बिखर गया हूँ,
कभी किसी ने मेरे जज़्बातों से ऐसे खेला नहीं था।-
ख्वाबों की हवाएँ चल रही हैं,
समय का ख़ज़ाना चल रहा है,
ज़िन्दगी से हो गई है मुलाकात,
अब उससे याराना चल रहा है।-
मेरे दिल ने गीत गाकर, जब कभी तुझको आवाज़ दी है,
फ़ूल जुल्फों में अपनी सज़ाकर, तू मेरे सामने आ गई है।-
इश्क़ की भक्ति में डूबा हुआ, वो प्रेम का पुजारी हूँ,
मेरे जिंदगी में आने के लिए, मैं तुम्हारा आभारी हूँ,
बेशक़ वो हमेशा कहती रही कि "जाना तुम मेरे हो",
मगर मुझको तो सुनना था कि "मैं सिर्फ़ तुम्हारी हूँ"।-
ऐ खुदा! तेरी नियामत है तो सब है,
मेरी ख्वाहिश क्या और मुद्दा भी क्या।
तूने ख्वाब भी बख्शे और आँखें भी,
अब अपने बंदों को और देगा भी क्या।
तूने समझ भी दी और एहसास भी,
इससे और ज्यादा अब देगा भी क्या।-