बदलते हुए इस दौड़ में lllll
मैंने कुछ लोगों को बदलते हुए देखा.....
जो अक्सर चाय पिया करते थे llll
आज मैंने उन्हें कॉफी पीते हुए देखा.....-
इजहार-ए-मोहब्बत कड़क होनी चाहिए
....और....
चाय के प्रतीक बेपनाह मोहब्बत होनी चाहिए-
वो मुझे मोहब्बत करने की सलाह दिये जा रहे हैं
जो खुद टूट के बिखरे हैं
वो मुझे खुद में समेट जा रहे हैं-
वो चले हैं मेरी खुशियां खरीदने..
उन्हें ये नहीं पता बाजारों में....
खुशियां नहीं बिकती....???
अगर दे देते कुछ अपना समय तो...
यूं दर दर भटकने की जरूरत नहीं पड़ती....!!!-
फुर्सत का दौर चल रहा है जनाब
जो कभी बिजी होने का छाप छोड़ जाते थे
आज वही फुर्सत से मिलने की बात कर रहे हैं-
आज शाम की चाय
मैंने अपनी मां के लिए बनाई
मां ने तुरंत कह दिया
जा तू अपनी सास को पीला
ये भी एक रूप माँ का ही है
🤔😃🤣😃🤔-
नाराज तो नहीं थे
तेरे चले जाने पे पर..
हैरान जरूर थे
तेरे लौट के आने से...-
*इज़हार-ऐ-मोहब्बतें*
हां गई थी
उसने भरी महफिल में
चाय पे जो बुलाया था
मुझे क्या पता था
वह एक कफ़ चाय के साथ
एक ख़त भी लाएगा-