मैं बन जाऊं मास सावन का,
वो सोमवार सा हो जाय !
मैं जप ओम नमः शिवाय का,
वो गिनती 108 बार की हो जाय !
मैं सजूँ बेल पत्र सी तुम पर,
वो भांग धतूरे सा चढ़ जाय !
मैं अर्पित गंगा जल सी तुम पर,
वो चंदन पीला सा अर्पण हो जाय !
मैं श्रृंगारित फूलों सी तुम पर,
वो अभिषेक तुम्हारा हो जाय !!-
मैं जब भी लड़खड़ा जाऊंगी,
द्वार पर तेरे ही आऊंगी !
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मुझे अटल विश्वास है,
तुम पर मेरे भोले !
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मैं जब भी हारने लग जाऊंगी,
साथ तुम्हारा निश्चित पाऊंगी !!-
प्रेम तपस्या,
पार्वती से बेहतर !
कोई नहीं,
जान सकता है !
औऱ,
प्रेम विरह,
शिव से बेहतर !
कोई नहीं,
समझ सकता है !!-
जब मुझसे न संभले परिस्थितियां,
तो तुम संभाल लेना,
मेरे भोले !
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जब कोई आस न बचे,
तब मेरी भक्ति का फल देना,
मेरे भोले !
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मैं रख लूँगी व्रत 16 सोमवार का,
तुम मुझे वर ख़ुद जैसे ही देना !
मेरे भोले-
नाम पर तेरे,
जरा भी,
आंच आये !
मैं भाँति सती सी,
प्रवेश अग्नि में,
कर जाऊंगी !
पर अस्तित्व,
में मेरे कभी,
जो उठे सवाल !
तुम शिव सा,
तांडव,
कर पाओगे क्या !!-
न तुम श्याम सा,
प्रेम में होना !
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न तुम राम सा,
पुरुषोत्तम होना !
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तुम होना तो शिव सा,
पिया बस होना !
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कि आँच आये,
जो कभी मुझ पर !
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तुम मात्र तांडव सा,
क्रोध रच देना !!-
पहला मेरा,
ख़ुद पर,
भरोसा अटल,
है !
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दूजा मुझे,
मेरे शिव पर,
विश्वास अखण्ड
है !!-
Agar sachi lagan
Or vishwash naa hotii..
toh man me
MAHADEV ki anokhii chaah naa hoti..
kuch toh Baat Hai mere mahakaal ke
Sparsh ke ehesash me..
warna devi parwati or
Samshaan ke raja ki khahani na hoti..!!
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मेरी परिस्थितियों से भलीभाँति परिचित हो आप भोले,
अब मैं अनुरोध आपसे करूँ तो मेरी भक्ति पर प्रश्न होंगे भोले !!-