QUOTES ON #SHOURYA

#shourya quotes

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19 FEB 2021 AT 15:09

🎂Happy birthday 🎂

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4 SEP 2021 AT 23:21

ऐसे क्यों बैठा है बेटा ,
क्या अपने डैडी से है रुठा ,
कह दो फिर तो फोन घुमा कर ,
याद नहीं आती क्या हमारी आपको ,
शाम होने को है आयी , चाकलेट से
भी ज्यादा हमको आपकी याद सतायी ...

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4 NOV 2018 AT 21:25

Tere Jaaney Ke Baad....

Waasta Bhi Tujhse Rakha hai....
Aur..
Raasta Bhi Tera Dekha Hai..
Inn Aankhon ko Abhi Bhi Intezaar Tera Hai....



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28 APR 2020 AT 21:41

फ़िर एक रोज़
खुद को समेट कर..
आग लगा दी मैंने..
ये मोहब्बत की हवा..
रोज बिखेर देती थी मुझे..!!

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27 APR 2020 AT 14:52

एक ख़त लिखा था मोहब्बत के नाम..
दर दर भटक कर वापिस आ गया है..!!

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11 SEP 2019 AT 10:57

जो अब किसी के पास नहीं रुकता..
वो बड़ी शिद्दत से कहीं तो ठहरा था..!

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29 AUG 2019 AT 16:36

इन झूठे फरेब से जरा आगे गुज़र के देख..
जीना चाहता है तो पहले थोड़ा मर के देख..
ख़ामोशी भी बहुत शोर मचाती है जेहन में..
मेरी इन बंजर आँखों में जरा ठहर के देख..
आसमां से जमीं हो गयी मेरी सारी ख्वाहिशे..
किसी ने धीमे से कहा था हालात घर के देख..
सकूँ बसता है तेरे गांव के कच्चे मकान में..
यकीं नही आता तो किरोंछे मेरे शहर के देख..
दम घुट रहा था गरूर की उन ऊंचाइयों में..
सकूं चाहता है तो वहां से नीचे उतर के देख..
मैं पढता भी तो कैसे उसके उन इरादों को..
वो कहता था कि फलसफे मेरी नज़र से देख..
कल वो महोब्बत की विरासत में उलझा होगा..
‘’शौर्य”आ बैठ मेरे पास ‛उसे आँखे भर के देख..!!

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29 AUG 2019 AT 12:13

मैं खुद को नहीं पहचानता,तेरे किस्से अखबारी है
हम जुग्नुओ से डरते है और तू सूरज पर भारी है
मुझे कोई शिकायत नहीं तेरे यूं बदल जाने की..
यहां तो हर शख्स अपने मतलब का किरदारी है..
मैं उसे पाने के लिए खुद को बेचता रहा हर रोज..
वो सबसे कहता था कि उसकी ग़ज़लें बाजारी है..
तू किसी से वफा करे.. ये सवाल ही नही उठता..
चलो अच्छा है कि अब तेरी बेवफाओं से यारी है..
तेरे जुल्फ के पेंचो में कोई और उलझा हुआ है ..
उसे बताया नहीं क्या ये जुल्फे हमने भी सवारी है..
हर बार हादसा मेरे साथ ही हो ये जरूरी तो नहीं..
इनायत रख शायद अब तेरे अरमानों की बारी है.
अब फिर से खुद को खोने का डर लगता है ‘शोर्य’
तभी तो बस आजकल ग़ज़ल से दरकिनारी है..!!

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19 JAN 2022 AT 20:57

एकलिंग का दीवाना, शौर्य प्रखर थी उसकी ज्वाला
रक्त रंजित ले तलवार, करे हल्दी घाटी घमाशान
आन थी उसकी मेवाड़ी, शान थी उसकी राजवाड़ी
रह कर भूखा संग परिवार, भटका वो पहाड़ी- पहाड़ी
लिया प्रण और कर हुंकार,रण मे शौर मचाये तलवार
एक वार मे संग सवार, घोड़े को कर दे दो फाड़।

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21 MAY 2020 AT 13:18

Yeh sajna savarna hai sirf tere liya
Pta nhi mujhko yeh kyo lagta hai ki tu hai sirf mere liya

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