अहसास ये पहली बार हुआ है,
अब वो हाथ छुड़ाना चाहती है,
बचपन मे उंगली पकड़ लेती थी,
अब आजाद हो उड़ जाना चाहती है !
कभी मुझे अपना हीरो वो बुलाया करती थी,
अब किसी और को हीरो वो बनाना चाहती है,
कभी हर पल अपना मेरे संग बिताना चाहती थी,
अब दूर कहीं चली जाना चाहती है !
कैसे वो मेरा हाथ पकड़ कर,
सारा शहर घूम आती थी,
फिर मेरे वो पीठ पर चढकर,
मुझे घर की सैर कराती थी !
उसकी एक मुस्कान को देख,
मैं सारी थकान भूल जाया करता था,
उसके साथ कुछ पल खेलने को,
थोड़ी देर पहले ही घर लौट आया करता था !
शायद वो सब भूल के मुझको,
थोड़ा दर्द पहुँचाना चाहती है,
कल जो उसको डाँट दिया था,
उसके बदले रुलाना चाहती है !
अहसास ये पहली बार हुआ है...
शायद वो हाथ छुड़ाना चाहती है...
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6 MAY 2018 AT 17:43