QUOTES ON #SAMA_WRITES

#sama_writes quotes

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7 APR 2018 AT 20:29

यूँ व्यर्थ ही मौसम की नाराज़गी
खिन्न सी प्रतीत होती चंचल पवन,
मेघों के गर्जन से गुंजित गगन,
चपला की चमक से उजागर वसुधा भी !
क्यूँ एकाएक लुप्त हुई वो सादगी ?
यूँ व्यर्थ ही मौसम की नाराज़गी ।

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20 JUN 2018 AT 23:40

पर न जाने अभिमान क्यों जागा तुममे,
क्यूँ आक्रोश और अस्मिता से हो गये थे पूर तुम ।
न जाने क्यों प्रचण्ड क्रोध से कुपित हो जल रहे थे,
अवलेप में न जाने क्यूँ लिप्त हो गए थे तुम।
इक गुमान की जो तरंग सी उठी थी तुममे ,
उस लहर के बहाव में बह रहे थे तुम।
इश्क़ की टूटती हुई कड़ी को अनुबंधित कर,
वक्त को इस मोड़ पर आने से रोक सकते थे तुम।

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26 MAY 2020 AT 16:13

क्या लिखूँ तेरे
हुस्न की तारीफ़ में,
ये गुलाबी रंग ही काफ़ी है,
तेरे रूप के पर्याय में।

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26 APR 2020 AT 1:09

इश्क़ के बाज़ार में वो मशहूर साहूकार थे,
हम कम्बख़्त दोस्त समझकर दिल गिरवी रख आए।

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6 JUN 2018 AT 0:13

दस्तूरे इश्क़
(Read in captain)

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13 FEB 2020 AT 19:05

वर्तमान में किया गया संघर्ष,
भविष्य की विजय गाथा रचेगा ।

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28 MAY 2019 AT 20:27

गैरों से क्या शिकायत करूँ
तू हक़ीक़त थी , फिर भी दगा निकली
ज़िन्दगी तू भी बेवफा निकली।

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14 FEB 2020 AT 18:40

I wish Everyone a very happy Valentine's day,

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25 AUG 2020 AT 0:47


Collaborated By
@essence_of_words
©Mahima Srivastava

@benevolent_thinker
©Dhaval_Dilip_Sangtani

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2 JUN 2020 AT 9:54

the plant of any relation
is watered with trust and care .

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