तेरे बगैर इन आँखों में नमी सी लगती है दिल को हर पल तेरी कमी सी लगती है मैंने भूला तो दिया है तुझको पर क्या करूँ ख्वाबों में तेरी सूरत अब भी हंसी लगती है
अब भी ताज़ी है पहली मुलाकात की खुशबू जज़्बातों में डूबे हुए उस लम्हात की खुशबू उसके हाथ को एक पल के लिए थामा था मैंने कई मुद्दतों तक गयी नहीं मेरे हाथ की खुशबू