आज कल का समाज
Today's society
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लग रहा है लॉकडाउन।
अब यादों का सिलसिला शुरू होगा।
फिर सरकारी नौकरी के आगे,
एक मासूम लड़का मजबूर होगा...🖤
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दो अनजाने मिलते हैं,
बातें होती हैं,दोस्ती होती है फिर प्यार होता है।
फिर धोखा या तो जात ,
या ना मिलने के पीछे परिवार होता है।
कहानी तो सबकी एक जैसी होती है।
बस एक अलग किरदार होता है.....🖤-
जिस दिन जाओगे दूसरे की बाहों में।
ना जाने जिंदगी का कैसा मंजर होगा?
पता नही खुद को संभाल पाएंगे या,
आंखों में अश्क का समंदर होगा।-
ना कोई मशवरा,
ना कोई राय दीजिए।
डूब के आया हूं इश्क के गलियों में,
लाइए कुल्हड़ वाली चाय दीजिए।
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मोहब्बत कभी
पहली,दुसरी,तीसरी नहीं होती।
मोहब्बत वो है,
जिसके बाद किसी से मोहब्बत न हो...🖤-
तेरे जाने का कुछ ऐसा असर हुआ मुझपर,
कि तेरी तलाश में खुद को पा लिया।
आज बहुत अच्छा सा लग रहा हूं अंदर से।
लगता है मेरे ख्यालों ने आइना लगा लिया।
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छोटी सी थी दुनिया हमारी,
इसमें भी तुम कहां खो गये।
हम तुम्हें ढूंढते रहे अपने अन्दर,
और तुम किसी और के हो गये....🖤-
हम सोचते थे,
नींद नहीं आती होगी उन्हें
हमें क्या पता था
वह उनके बाहों में चैन से सोती है...!-
क्या लिखूं तेरे बेवफाई के बारे में,
तेरे द्वारा दिए हर दर्द पे।
मेरा चुप ही रहना बेहतर है...🖤-