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Joined 21 February 2018


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Joined 21 February 2018

अगर तुम्हे किसी से मोहब्बत है।
तो बताओ मुझे
मुझे आपसे से मोहब्बत है।
ये भी भूल जाऊंगा.....🖤

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जो चाहो,वो मिल जाये।
तो जिंदगी और ख्वाब में
फर्क क्या रह जाएगा?

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🎓उतीर्ण होते ही.........

सफर में हूँ, डगर में भी हूँ,
निश्चित में हूँ, मगर में भी हूँ,
आगे के आरम्भ में हूँ,
पीछे के अंत मे भी हूँ,
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ।।

निष्ठा में हूँ, प्रतिष्ठा में भी हूँ,
ज्ञान में हूँ, चेष्ठा में भी हूँ,
अमृत में हूँ, जहर में भी हूँ,
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ।।

गति में हूँ, अवरोध में भी हूँ,
पक्ष में हूँ, विरोध में भी हूँ,
शून्य में हूँ, शिखर में भी हूँ,
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ।।

बालक में हूँ, वयस्क में भी हूँ,
विद्यार्थी में हूँ, कार्यरत में भी हूँ,
अपने गाँव में हूँ, शहर में भी हूँ,
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ।।

✍️Amulya

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उलझ करके तेरी जुल्फों मैं यूं आबाद हो जाऊं
कि जैसे लखनऊ का मैं अमीनाबाद हो जाऊं
मैं यमुना की तरह तन्हा निहारु ताज को कब तक
कोई गंगा मिले तो मैं प्रयागराज हो जाऊं
ग़ज़ल कहने लगा हूं मैं जरा सा मुस्कुरा तो दो
यही तो चाहती थी तुम कि मैं बर्बाद हो जाऊं..🖤

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होली तो एक बहाना है
तेरे गुलाबी गालों पर
अब प्यार का रंग लगाना हैं...🖤

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जिस दिन जाओगे दूसरे की बाहों में।
ना जाने जिंदगी का कैसा मंजर होगा?
पता नही खुद को संभाल पाएंगे या,
आंखों में अश्क का समंदर होगा।

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हां,मैं एक लड़का हूं मेरी कोई जात नहीं।
बिना पैसों की मेरी कोई औकात नहीं।
तनहाई में ना कटी हो ऐसी कोई रात नहीं।
दिल हमारा भी दुखता है पर आंसुओं का बरसात नहीं।
बिना कुछ वजह बीच चौराहे पर पीटा उसको
अगर ऐसीEqualityलिखी है,तो आज ही मिटा दो उसको।
चाटा चेहरे पर, पर चोट दिल पर लगी है।
खुद की इज्जत से ज्यादा,घर की इज्जत की पड़ी है।
ना जाने क्यों लड़कों को सब गलत सोचते हैं।
हां कुछ बदनाम करते हैं औरतों को,
पर कुछ उसमें बहन खोजते हैं।
आज हर किसी के पास फोन है।
पर आज सबकी जुबान मौन है।
जब होता लड़की के साथ गलत,
तो सब इंसाफ के पीछे पड़े हो।
आज लड़के के साथ हुआ है,
तो पीछे क्यों खड़े हो...?🖤

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इन शायरों के बस्ती में एक पहचान बनाऊंगा ।
लफ्ज़ों की भाषा मै इतना आसान बनाऊंगा।
तरसोगे एक दिन तुम दीदार को इक मेरे
मैं खुद को इतना काबिल इंसान बनाऊंगा!

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इस नासमझ दिल पे,यूं अघात ना किया करो।
जरा समझा करो,यूं हंसकर बात न किया करो।
तुम तो चले जाते हो, हर बार अलविदा कहकर
तो यूं ख्वाबों के रास्ते मुलाकात न किया करो..🖤

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क्या लिखूं तेरे बेवफाई के बारे में,
तेरे द्वारा दिए हर दर्द पे।
मेरा चुप ही रहना बेहतर है...🖤

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