🎓उतीर्ण होते ही.........
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ,
निश्चित में हूँ, मगर में भी हूँ,
आगे के आरम्भ में हूँ,
पीछे के अंत मे भी हूँ,
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ।।
निष्ठा में हूँ, प्रतिष्ठा में भी हूँ,
ज्ञान में हूँ, चेष्ठा में भी हूँ,
अमृत में हूँ, जहर में भी हूँ,
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ।।
गति में हूँ, अवरोध में भी हूँ,
पक्ष में हूँ, विरोध में भी हूँ,
शून्य में हूँ, शिखर में भी हूँ,
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ।।
बालक में हूँ, वयस्क में भी हूँ,
विद्यार्थी में हूँ, कार्यरत में भी हूँ,
अपने गाँव में हूँ, शहर में भी हूँ,
सफर में हूँ, डगर में भी हूँ।।
✍️Amulya
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