सोच समझ कर लिखने वाला कातिब होता है जनाब
शायर तो हमेशा बेबाक,( बेहिचक) लिखा करते हैं-
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कभी मुझसे नाराज़ हो
तो जमके झगड़ लेना ।।
कभी मुझपे प्यार आए
तो कसके पकड़ लेना ।।
साथ चलते हुए कभी
मेरे साथ गुनगुना लेना ।।
कभी हाथ छोड़ना हो
तो चुपके से बता देना ।।
झूठे ही सही पर मेरी
कुछ खामियां बता देना ।।
बस चुप मत रहना
बस चुप मत रहना ।।-
मौसम के साथ बदलना आ गया है
उसके जाने का गम तो आज भी है
पर उसके बिना जीना भी आ गया है-
होस्टल के दीवारों में झांक के देखा है मैंने
घरसे ज्यादा यादें मुझे वहां नजर आती है-
रखना चाहा तुझे कांच के महल में
पर तू पत्थर बनके सब तोड़ गई
किस आवाज से रोकूं तुमको
साथ निभाने का वादा करके
अकेला मुझको छोड़ गई-
एक बार बिखर जाए तो
पूरी जिंदगी कट जाती है
उन्हें फिरसे समेटने में-
Your voice is everything for me
Because when I talk to you
It shows me you are somehow happy
For me and with me
♥️Love you forever♥️-
शायद कभी एक थी ही नहीं
पर खुश हुं
कुछ देर साथ चली तो सही
उसी खुसी के सहारे सारी जिंदेगी गुज़ार दूं
कुछ यादें ख़ुद रखूं और कुछ तेरे नाम कर दूं
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ऊपर से जितना भी हँस लो
अकेले में आसूं आ ही जाते है
सोना पड़ता है
नींद तो आज भी नहीं आती है
पर रोते हुए आंख थक ही जाते है
खोना पड़ता है
प्यार चाहे जितना भी गहरा हो
कुछ अपने साथ छोड़ ही जाते है-
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He loves the girl
Demands money for marriage
Don't be like him
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