“गलती”
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सूरज धीरे धीरे ढलता ही रहेगा
गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा
जो लोग ख़ुद अपनी गलती नहीं मानते
वक्त उनसे गलती मनवा लेता
ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती वह
जिस गलती से हम कुछ सीख नहीं पाते।।
गलती करके तुरंत सॉरी बोल दिया
तुझे तेरे गलती का जरा भी एहसास ना हुआ
गलती जीवन का एक पन्ना लेकिन रिश्ता पूरा किताब
जरूरत पड़ने पर गलती वाले पन्ने फाड़ देना
लेकिन कुछ पन्नों के लिए पूरी किताब ना फाड़ देना।।
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{ भाग- 20 }
पारस और रिमझिम
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I love you ...K²
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वो शख्स मेरे हर किस्से कहानी में आया
जो मेरे हिस्सा हो कर भी मेरे हिस्से ना आया।।-
“संवेदना”
वेदना की आह उपजी मन के झंकारों में।
अश्रु की धारा बह चली आँखों के समुंदर से।।
कौन अपना कौन पराया नहीं रहा संवेदना किसी मन में।
अब कोई नहीं रहा भावनाओं का समुंद्र सब मतलब के यार यहांँ।।
सब भूल रहे हैं मानवता उसके संवेदनाओं को।
प्यार, दया, बलिदान या हो इंसान की कोई वेदना।।
आज किसी की नजर में नहीं दिखता निस्वार्थ प्यार
हर तरफ है स्वार्थ जिसमें खोया है सारा जहाँ ।
भीड़ की आपाधापी में रफ्तार बढ़ती जा रही
मानव संवेदना की हर मिसाल मायने बदलती जा रही।।
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आँखें तुम्हारी जादू हैं, नूर हैं, अजब गहरे सागर हैं,
जिनमें डूब जाऊँ मैं, वो मोहक नज़ारे हैं।
रेशमी ज़ुल्फ़ें तुम्हारी, जैसे रातें चाँदनी हैं,
इनमें खो जाऊँ मैं, ये क़यामत के नज़ारे हैं।
होंठ तुम्हारे गुलाब हैं, जिनकी ख़ुशबू बेमिसाल हैं,
इनको चूम लूँ मैं, ये दिल के अरमान हैं।
चेहरा तुम्हारा चाँद सा, जिस पर तिल का है निशान,
इसको देखूँ मैं, ये मेरे जीवन के वरदान हैं।
आगोश में तुम्हारी, मैं हर दर्द भूल जाऊँ,
ये बाहें मेरी जन्नत हैं, इनमें मैं बस जाऊँ।-
“किताब का महत्व”
मैं एक किताब जिसने मुझे पढ़ा
उसको दे दिया ज्ञान का सारा भंडार
ज्ञान ही मानव का श्रृंगार
उसको पाकर ही विद्या
को चारों तरफ है फैली
करिए किताबों का सम्मान
इनमे ही भरा सारा ज्ञान
इनको पढ़ कर फैला सकते हो पेड़ रूपी ज्ञान
इनको ही पाकर तुम बन सकते हो
एक अच्छे महान इंसान।।
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