ये जो तेरे दिल मे लगी हैं आग नफरत की वो बुझ जायेगी
बस जरा सा तु सब्र कर मेरे कब्र मे दफन हो जाने तक-
मेरी मौत का यूँ तमाशा देखने तुम भी आना जरूर
मुझे यहाँ तक लाने मे तो तेरा ही सबसे बड़ा हाथ है-
कान्हा किस गुनाह कि सजा तुने उसको दे दिया
अभी चुन्नी भी ना ओढा कि तु कफन ओढा दिया
हैरत है मुझे जहाँ बेटियों को दुध से नहलाना चाहिए
वहा उनके जिस्म को खरोच कर खुन कि नदियाँ बहाँ दिया
शर्मसार हुआ हर शख्स यहाँ देश पूरा शोक मे डूब गया
लूटकर मासूम की अस्मत उस भेडिये ने फिर इतिहास दोहरा दिया
पिता की मोहब्बत और माँ कि ममता गला घोट कर
वो हवसी दरिंदा एक आँगन की रोशनी बुझा दिया
पर अब बस बहुत हुआ तु उठा कलम और लिख रोशन
तु इंसान नहीं अभागा है जिस कोख से जन्म लिया उसे ही मैला कर दिया-
फिरसे तेरी गली की तरफ जाने से दिल को मेैनें रोका है
ये प्यार व्यार कुछ नहीं सिर्फ एक छलावा एक धोखा है-
बेसक आज तुझे कोई फर्क नहीं पड़ता पर तेरे दिल मे भी सुनामी आयेगा
एक दिन जब मै मर जाऊँगा तो तेरे इन आखो से भी पानी आयेगा-
नफरते-ए-इश्क कि आग कुछ ऐसी लगी है मेरे दिल में कि मैं उसे
अपनी मोहब्बत भी ना कह सका और उससे नफरत भी ना कर सका-
काबिलियत तो थी मुझमे पर मै काबिल ना बन सका
एक रोज एक बेवफा की बेवफाई ने मुझे तोड़ कर रख दिया-
मेरी मोहब्बत मेरी वफाओ का एक अधूरा किस्सा है
दर्दे-ए-दिल उसे मिला मुझे जो मेरे दिल का हिस्सा है
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अब ये जिंदगी मुझको जहन्नुम सी लगती है
बस इतनी सी इल्तिजा है खुदा मुझे अब रूखसत दे दे
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मेरी मोहब्बत मेरी वफाओ का एक अधूरा किस्सा है
दर्दे-ए-दिल उसे मिला मुझे जो मेरे दिल का हिस्सा है-