आज मुझे कामयाब होना है,
मेरा ही दिन है ,और मेरा ही होंसला,
आज सुरज फिर चड़ा है, क्यू की मुझे कामयाब होना है,
एक ही मंजिल हे,और अब एक ही निशान
यही जमीन हे ओर यही आसमान,
फिर मुझे क्यू डरना, क्योंकी मुझे कामयाब होना हे।
ना कोई गिला है ना कोई सिकवा,
मुझे मेरी मंज़िल से ही इश्क हे,तो फिर मुझे क्यू घबराना,
बस चले चलो परिश्रम के पथ पे, क्योंकी मुझे कामयाब होना हे।
अब ना उलझना हे ,ना ही विचलीत होना हे,
पानी की धार सा मुझे एक सा बेहना हे,
एक ही पथ हे और एक ही नाम हे,
वो ही हे आना जिसको मुझे पाना हे,
ना दिन बदला , ना रात, सब अपने ही पथ पे हे,
जब कोई ना बदले तू मुझे क्यो बदलाना हे,
चले जाऊंगा में ,मेरे सपने के पीछे,
अब वो आस हे मेरी,जिसको को मुझे पाना हे,
क्योंकि अब मुझे कामयाब होना हे।
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