आसमाँ अनंत है
मेरे हौसले बुलंद है
मैं क्यों हारूँ बाझी
जब तक तूँ रज़ामंद है
तूने दिये मुझे पंख है
मेरी उड़ान निश्चित है
आसमाँ की सीमा नहीं
मेरी भी कोई सीमा नहीं
Priyadarshana-
कोई तो आस पास रहता है
कोई तो आस पास रहता है
मुझे देख वो मुस्कुराते रहता है
कभी लफ़्ज़ बनके बिखरता है
कभी कविता बनकर सहलाता है
मन से निकली भावनाओं को वो
अपने आपको खुदेरता रहता है
चलती हवा के झोंकों के साथ
मेरे आस पास तैरता रहता है
ख़ामोशियों में डूबकर ना जाने
मन ही मन बड़बड़ाते रहता है
#प्रियदर्शना-
સમય સાથે વીતી ગયો ને
ખાલી યાદો સાથે રહી જશે..
સમયના વહેણમાં ચાલતાં
નિશાન પગનાં રહી જશે..
વ્હાલ ભર્યા દિવસો વિત્યા
માત્ર યાદો સંગ રહી જશે..
ભીડ માણસોની ભલે રહી
મનમાં ખાલીપો રહી જશે..
જીંદગી માં જો રમત માંડશે
તો અંતે એકલા રહી જશે..
જીવવું હતું સહુ સાથે મળીને
પડછાયા સમ યાદોં રહી જશે..
#Priyadarshana
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तुम से हमारा #संगम,
होना जरूरी था।
थोड़ा हँसना जरूरी था,
थोड़ा रोना जरूरी था।
मोहब्बत क्यों नहीं होती?
तुम से मुझे।
तुम्हारी मस्तआँखों में,
मेरा खोना जरूरी था।
अंजाम तो मालूम है,
परवानों को अपना।
शमा पर परवानों को,
कुर्बान होना जरूरी था।
प्रियदर्शना✍️-