Priya Tank  
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Joined 13 May 2020


Joined 13 May 2020
29 JAN AT 2:36

चलती रहूँ कुछ देर
या कि ठहर जाऊं,

लम्बा सफ़र है बाक़ी,
अनदेखी किधर जाऊं ,

धुँध होती गई है गहरेी,
नज़र हुई है कुछ धुँधली,

कोई राह नहीं सूझती
किस मोड़ पे मुड़ जाऊं,
~प्रियदर्शना~

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25 JAN 2021 AT 5:11


बर्फीली ठंड में,शीतल पवन
उसपर बर्फ़ की बारिश..
बर्फ़ ही बर्फ़ गिरी हुई ...

प्रकृति ने ओढ़ली है श्वेत चादर
सफ़ेदी ही सफ़ेदी ...
चारों और सफ़ेदी बिखरीं हुई...

घर -आँगन और नदी -सरोवर
बन -वनराई सारीं जैसे
बर्फ़ से सजी हुई...

पानी भी बर्फ़, प्रकृति भी बर्फ़
चारों और बर्फ़ ज़मीं है
बर्फ़ की चादर तनीं हुई...

#प्रियदर्शना
Leicester- United Kingdom

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25 JAN 2021 AT 5:04


बर्फीली ठंड में,शीतल पवन
उसपर बर्फ़ की बारिश..
बर्फ़ ही बर्फ़ गिरी हुई ...

प्रकृति ने ओढ़ली है श्वेत चादर
सफ़ेदी ही सफ़ेदी ...
चारों और सफ़ेदी बिखरीं हुई...

घर -आँगन और नदी -सरोवर
बन -वनराई सारीं जैसे
बर्फ़ से सजी हुई...

पानी भी बर्फ़, प्रकृति भी बर्फ़
चारों और बर्फ़ ज़मीं है
बर्फ़ की चादर तनीं हुई...

#प्रियदर्शना
Leicester- United Kingdom

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25 JAN 2021 AT 4:46

सफ़ेदी की चादर बिछीं है
यह धरा है अपनी....
की कोई चादर बिछीं हुई...

प्रकृति ने ओढ़ीं है
कोई सुंदर ओढ़नी
जैसे की श्वेत चूनर कढ़ी हुई...

हरे-हरे रंगों के पैडों और
पौधों की हरियाली
सफ़ेदी ऊपर से लगीं हुई...

नीला आसमान भी साथ हो चला,
अपना बदलकर चौला..शोभा न्यारी
सफ़ेदी उपर से बनी हुई...

#प्रियदर्शना
Leicester- United Kingdom

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12 JAN 2021 AT 6:13

कभी-कभी बेवज़ह दिल उदासी भर से जाता है,
जाने कौन दिल से फासलों से गुज़र सा जाता है !

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12 JAN 2021 AT 5:36

वक़्त गुज़र रहा है तेज़ी से ..
ये सबने दिखा...
धड़कनें आज भी वहीं अटकी है ..
ये कौन जाने ...

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12 JAN 2021 AT 5:15


तेरी आंखों में इतिहास ढूंढ रहे है
ताकि किरदारों का कारवां बदल जाए

कुछ कदम अकेले चले ज़िंदगी के
सफर में और एं शाम बदल जाए।

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12 JAN 2021 AT 5:08

गुजरते वक़्त की
मौजें ठहर गई है...

अब न जाने
ये शाम
कहाँ ले जाएगी...
हम याद करते
रह जाएंगे...

मगर ये ज़िंदगी
गुज़रे हुए
लम्हों को लेकर
वक़्त के साथ
बहुत ही
दूर चली जाएगी...
P🥀u

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10 DEC 2020 AT 4:30

યાદ માં વાદ,શું ફરિયાદ કરવી...
લખી લખી ને શું વાત કરવી...

પ્રેમ ના થાય,જાણ ક્યાં કરવી
નફરત ભર્યા દિલમાં,જગા ક્યાં કરવી

થોડા પલળ્યાની વાત શું કરવી
બાકી રાતો ને ભીંજવ્યા કરવી

ઝૂરતી ઈચ્છાઓને આંબ્યા કરવી
લાગણી આંખેથી ખેરવ્યા કરવી

P🥀u

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16 NOV 2020 AT 0:15







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