यूं ही बदनाम है ये कांटे जनाब,
असली चुभन तो गुलाब देते हैं ।-
14 MAY 2020 AT 0:02
नहीं ज़रूरत है किसी के झूठे दिलासे की जनाब,
कामयाबी पाने वाले खुद और खुदा पे विश्वास रखते हैं ।-
28 MAY 2020 AT 6:07
उनकी प्यारभरी आवाज़ की आदत सी हो गई थी जनाब,
जिन्होंने अब कभी न खत्म होने वाली चुप्पी साध ली है ।-
10 MAY 2020 AT 7:00
यकीनन ईश्वर से कम नहीं है मेरी मां जनाब,
लफ्ज़ कम पड़ जाएंगे उनके एहसान लिखने को ।-
22 MAY 2020 AT 23:05
हथियार तो कुछ ख़ास नहीं है मेरे पास जनाब,
पर लोग कहते है कलम से क़त्ल करती हूं मैं ।-
13 MAY 2020 AT 0:03
तहेदिल से शुक्रिया अदा करतीं हूं इस कलम का जनाब,
जिसने मेरे हर एक एहसास को बेमिसाल लफ़्ज़ों में पिरोया ।-
26 MAY 2020 AT 0:03
आजकल बस तस्वीरों में कैद हो गई है ये मुस्कराहटें जनाब,
उनके साथ बैठ के खुल कर हंसे हुए, एक अरसा हो गया ।-
23 MAY 2020 AT 18:20
छू कर इस कदर अनछूआ कर दिया है हमें जनाब,
कि अब हम किसी को अपने पास भी नहीं आने देते ।-