जब हम अपनी आजादी मना रहे थे
तब कोई गुलाम हो रहा था।
हम चैन से सो रहे थे
उन पर अत्याचार का सितम ढह रहा था।
उनका सामना आतंक से हो रहा है
उनका देश धीरे धीरे परतंत्र हो रहा है।
था कभी जो स्वतंत्र अफगान
अब अधीन-ए-तालिबान हो रहा है ।
अफगानिस्तान के लिए दुआ 🙏-
17 AUG 2021 AT 11:36
16 AUG 2021 AT 19:40
क्या अफगान क्या तालिबान,
सब ही हे पल दो पल के मेहमान,
फिर क्यों .....
कुछ इंसान जो कुछ हैवान ?
क्या है यह तालिबान...
क्या है यह तालिबान... 😌-
16 AUG 2021 AT 19:09
तालिबानियों की मानवता,
कुछ यूं मर गई...
जैसे जलती चिता को,
हवा लग गई...
😔😟-