तू ठहर कर, मेरी आँख में, मुझे यूँ जगाया ना कर..
या तो बहा कर बनके अश्क़, या आया ना कर..
मेरे अंदर है, मानता ही नहीं है..
मिले जो उससे, नज़र आइने से, फिर मिलाया ना कर...
यूँ तो ज़िन्दगी थी तू, अब ज़िन्दगी की हर घड़ी मेरी है...
झूठ बोलकर आया हूँ खुद से, या तो बोल या बुलाया ना कर...
गए हुये दिन भी बहुत हुए, थकन भी बहुत हुई, यादों की या रब...
सो जाने दे, फ़क़त नींद आने दे, ख्वाब कोई अब दिखाया ना कर...
बज़म ऐ यारां में, दीवाने और बहुत हैं, ऐक तू ही तो नहीं...
'जैन' खामोश रहा कर, बोलकर बार- बार जताया ना कर...।
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# Awww..
I fall asleep
Coz I dared to be 'A' wake..
I fallen
Coz I dared to 'W' alk..
I failed
Coz I dared to 'W' in..
This shows that
I'm all set to
make my success 'W' orthy..
Meanwhile,
it reminds me that
“ I'm Awake & Walking..
And just a few step away
From Winning…”
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आज उस एक तस्वीर को, देख रो दिया करता हूँ ;
जिसे कुछ वक़्त पहले, देख मुस्कुराया करता था ।।
आज उस एक नाम को, लेने से भी कतराता हूँ ;
जिसे कुछ वक़्त पहले, हर साँस में दोहराया करता था ।।
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मैं जितना दर्द छुपाती हूँ,
हाँ बस ठीक उतना ही,
एहसास अपने बयां कर पाती हूँ..-
फ़िक्र तो तुम्हारी खामोशी में, तुम्हारे बहते हुए आंसुओ में दिख ही जाता है।
फिर क्यों जज्बातों का सैलाब, अपने मासूम दिल में दबा कर रखते हो?-
वो के जिसने, कह के अलविदा कर दिया रुखसत...
चाहता तो मैं ये था, कह के गले से लगा ले मुझे...।-
कभी- कभी हम ,
अपने अंदर के अंतर्द्वंद के आगे,
इस कदर असहाय हो जाते हैं ...
की अंदर का कोलाहल ,
फूट पड़ता है बाहर , होंठों पर ...
मुस्कुराहट बन कर ... ।-
लिखती तो मैं हर रोज हूँ
पर गम कितना छुपाती हूँ
सिर्फ मैं जानती हूँ..-