तुम B.Tech की छात्रा हो, मै Polytechnic का छात्र हूँ प्रिये.!
तुम 8 Semester की Exam दिये हो, मै 6 Semester का Exam दिया हूँ प्रिये.!
तुम A.E बानोंगी, मैं J.E बनूँगा प्रिये.!!!
💯❤🥰🥀-
#Engineering #
#Nature ko sochna hi science hai
Nature se communication engineering #
# #Mechanical engineer # #
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पॉलीटेक्निक वाले तीन साल...✍️
पहला साल...
कुछ हैरान, कुछ अनमने, कुछ परेशान।
हॉस्टल और कॉलेज में मिले कुछ अंजान, और शैतान।
वर्कशॉप, लैब, लाइब्रेरी, असाइनमेंट और ड्रेस कोट।
थ्योरी, प्रैक्टिकल और कुछ आधे-अधूरे नोट्स।
भाई...घर की याद बहुत आती है।
चल ना घर चले, सपने में मम्मी मुझे घर बुलाती है।
कुछ जिम्मेदारियों, चुनौतियों और वादों का था बंधन।
धीरे-धीरे कुछ शिक्षकों से मिला हमको स्वालंबन।
सही, गलत, घुमंतू, पढंतु, समीकरण, वाइब्रेशन।
कंफ्यूजन, Exam टेंशन, मेथड ऑफ सर्वाइवल और मोटिवेशन।
दूसरा साल...
कुछ भी हमसे पूछ लो, डर को भी डरा देंगे!
साथ बैठो ज़रा, पास होने के funde बता देंगे।
लगता था...सारा ज्ञान हमारे पास है भरा पड़ा।
3rd सेम में बैक लगने पर, अपना सारा भ्रम टूट गया।
धीरे-धीरे ख़ुद की अज्ञानता का, हुआ आभास।
4th Sem में हो गए अच्छे नम्बरों से पास।
आया फाईनल ईयर...
हर ब्रांच में कोई ना कोई भाई हमारा हो गया।
पता नही चला कब एक से ग्यारह हो गया। ✌️
सालों के धैर्य और संघर्ष से अब सफलता की राह लगे आसान।
कॉलेज के आखरी दिनों में फर्स्ट ईयर के जैसे लग रहे फ़िर से हैरान।
समय हो चला अब नई मंज़िल में जानें का।
बीते सालों में बुने, सपनो को सच कर जाने का।
आज आखरी दिन लगा ऐसे...ये कैद भी एक नया घर हो गया।
सभी से बिछड़ते, आँख भी समंदर हो गया।
पॉलीटेक्निक वाले तीन साल... शानदार, ज़बरदस्त और बेमिसाल...✍️-
COVID-19🦠😷 का तीसरा साल है
मतलब,
Covid का भी Diploma (Polytechnic) हो गया।😂-
वो Junior's की ragging , senior का सहारा,
याद है मुझको, govt. Poly Lohaghat का नजारा।
वो Hostel की यादें, Room no 15 हमारा,
बहुत याद आता है, Jurassic park का नजारा।
Bisht जी कि lecture, पप्पू दा का खाना,
Hostel की गाली, फिर कैलाश सर का बजाना।
"खाना खा लो रे" पप्पू दा का चिल्लाना,
बच्चो का उसको जवाब में गाली सुनाना।
याद है मुझको Hostel का जमाना।।
ताऊ के पराठे, दिन में खाना
नास्ता ना करके, अपने पैसे बचाना।
भगवान जी का बिन बताये कुछ भी ले जाना,
जादू sir का "भगवान मेरे बेटे" चिल्लाना।
अभिषेक दा का Bullet वाला गाना बजाना,
एक दिन बन्दर का उनका फोन लेकर जाना।
छोटे भाई से ही मेरी Ragging करवाना,
2 के पहाडे में बेधुन मुझको नचवाना।
नवरात्री में Hostel में भजन कराना
रात को भाग कर, झुमा को जाना
याद है मुझको Hostel का जमाना।।-
पॉलिटेक्निक का आखरी साल...
देखते देखते आ गए हम अब, आखरी साल में।
देखें जायेंगे अब नौकरी, तैयारी, बीटेक या खानदान में।
दोस्तों से बिछड़ने का गम, अब थोड़ा-थोड़ा सता रहा है।
भविष्य की गर्दिशों से दिल, थोड़ा बहुत घबरा रहा है।
आशा और विश्वास है, कुछ अच्छा हम कर जायेंगे।
देश विदेशों में अपना और संस्था का परचम लहराएंगे।
कुछ अद्भुत करने का, भरोसा और संकल्प है मेरे साथ।
विश्वास है मिले हमको, हमारे गुरुजनों का भरपूर आशीर्वाद।
निःसंदेह आने वाला कल, आज से सुंदर और बेहतर होगा।
मुझमें ही छिपी कहीं सवालों का हल होगा।
जाते-जाते कुछ वादें, करने को मन है उद्वित।
आने वाले सालों में, मिलेंगे नए रूप में हम निश्चित।
बंधु और सखियों....नाम हमारा भी फक्र से लिया जाएगा।
भले ही हम चुप रहे पर काम हमारा निःसंदेह, शोर मचायेंगा.... शोर मचाएगा।
पॉलिटेक्निक के अंतिम वर्ष के छात्रों को भविष्य की उज्जवल शुभकामनाओं सहित प्रेषित।
प्रेमानंद पटेल
प्रवक्ता, इलेक्ट्रॉनिक्स अभियन्त्रण
सावित्री बाई फुले राजकीय पॉलिटेक्निक आजमगढ़, उत्तर प्रदेश।-
हमारे भाईसाहब को भी शिक्षक दिवस की बधाई!
जिन्होंने मीटिंग लगाया हमको इस कदर बनाया..!!
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पॉलीटेक्निक वाले तीन साल...✍️
पहला साल...
कुछ हैरान, कुछ परेशान।
हॉस्टल और कॉलेज में मिले कुछ शैतान।
वर्कशॉप, लैब, असाइनमेंट और ड्रेस कोट।
थ्योरी, प्रैक्टिकल और कुछ आधे अधूरे नोट्स।
भाई... घर की याद बहुत आती है।
चल ना घर चले, सपने में मम्मी मुझे घर बुलाती है।
मुझे खाना बनाने नही आता, रोटी नही बनती है गोल।
ऐसा करते है, चलते है, आज होटल की ओर।
किस्से सारे, हमारे तुम्हारे....
दूसरा साल...
कुछ भी हमसे पूछ लो, डर को भी डरा देंगे!
साथ बैठो ज़रा, पास होने के funde बता देंगे।
लगता था...सारा ज्ञान हमारे पास है भरा पड़ा।
3rd सेम में बैक लगने के बाद, सारा भ्रम टूट गया।
धीरे धीरे ख़ुद की अज्ञानता का हुआ आभास।
4th सेम में हो गए अच्छे नम्बरों से पास।
किस्से सारे, हमारे तुम्हारे....
आया फाईनल ईयर...
हर ब्रांच में कोई ना कोई भाई हमारा हो गया।
पता नही चला कब एक से ग्यारह हो गया। ✌️
होने लगा था कुछ नया शोध, जिसका हमको नही था बोध।
Mock टेस्ट, आई डी, पासवर्ड, Urise पोर्टल।
पास होने के लिए, बड़ा लम्बा चला ये दंगल।
आज आखरी दिन लगा ऐसे...ये कैद भी एक नया घर हो गया।
सभी से बिछड़ते-बिछड़ते, आँख भी समन्दर हो गया।
अपने पॉलीटेक्निक वाले तीन साल... शानदार, ज़बरदस्त और बेमिसाल...✍️-