तेरे दीदार की इस तमन्ना को मैं आदत कहूं
या मोहब्बत क्या पता...
तेरे लिए मर जाऊं तो खुदा की इनायत कहूं
या शहादत क्या पता...-
ना गम है किसी के जाने का , ना चाहत है किसी के साथ की ...
दुनिया की मुझको परवाह ना है जब तब महर है भोलेनाथ की...
~Poet M.K.
जय भोलेनाथ...-
सुना था के आशिक़ी की राह पर चलकर एक आशिक
खून के आंसू रोता है...
पर यह ना सुना था के जब वो शायर बन जाता है तो
स्याही के भी आंसू रोता है...-
कुछ यारों की यारी दे दी बस यही काफी है...
अब चाहे कुछ ना दे तो भी खुदा को माफी है...-
कौन कहता है मुझसे दूर है वो...
मेरी शायरी का लफ्ज़ बन कर
हर पल मेरे लबों पर रहता है वो...-
Tere naal main sachi yaari lake vekh liya...
Tere laare akha vich hanju pake vekh liya...
Kuj ni miliya menu tere karke o beparwah...
Main tutte dil di har gali ch jake vekh liya...-
खुद इंसानियत भी बेचारी शर्मिंदा हो जाती है...
जब हम इंसानों में हैवानियत जिंदा हो जाती है...-
World Environment Day
आये थे कुछ लोग पेड़ काटने के लिए मेरे गाँव में...
बहुत धूप थी इसलिए बैठ गये थे उन्ही की छाँव में...-
अब पहले जैसी बारिश की गुज़ारिश
ना रही है दिल में...
तुझसे दूर हो के जिंदगी की ख़्वाहिश
ना रही है दिल में...-