आज ज़िन्दगी की किताब का एक अध्याय और ख़त्म हुआ,
जब यादों कि स्याही से कपड़ों पे सबने अपना प्यार लिख दिया।-
साल का एक दिन आज ज़्यादा था...
तो आज का दिन कुछ यूं गुज़रा की मानो जैसे कुछ पीछे छूट रहा हो..
मेरे कॉलेज का आखरी दिन था।
हां मालूम ये भी था मुझे की कई दोस्त पीछे छूट जाएंगे, कई फिर शायद ही कभी नजर आएंगे, कइयों से तो कभी मिल भी ना पाऊं, और सबसे बड़ी बात मेरा कॉलेज छूट रहा था।
सब जब एक दूसरे की शर्टों में अपने निशान कि छाप छोड़ रहे थे वहीं मेरे दिल में एक अजीब सी हलचल थी। मेरे जज़्बात हर उस इंसान के लिए उस एक कपड़े कि चौड़ाईयों से जादा थे.. खैर में लिखती ही क्या,बस कुछ चंद शब्दो में निपटा दिया सबको।
साल का सच में ये एक दिन ज़ादा था.. ये 29 फरवरी तो चार साल में एक बार आ ही जाएगी.. पर ये 2020 वाली मुझे मेरी ज़िन्दगी की सबसे खास पलों की याद दिलाएगी ♥️-
Aaj tha humara pen fest, jo rha sbse best.
Ek dusre ke dress par humne khub kalakari dikhayi,kisi ne pyaari shayari likhi to kisi ne scche dil se kayi kasme khayi🥰
Kayion ka aaj tha bura sa haal ki uff ab kiska mazak udayenge😎, kahan milega ye class ab jahan hum nya sa khwaab sajayenge🥺, bnaye sbne heart❤emoji ki humesha dosti hum nibhayenge❤❤, chahe jaye kahin bhi hum tumhe dil se nhi bhulayenge💕💕. Miss u all🥺🥺🤧🤧— % &-