Zindagi Ka Ek Aur Saal Kam Ho Gya
Aur Log Mubarakbaad De Rahein Hain Mujhe
Intezaar To Us Mubarakbaad Ka Hai
Jo Na Jaane Kb Mile Mujhe...-
हम रात भर अश्क़ों से खेलते रहें
और वो बेख़बर पूरी रात सोते रहें
कहतें हैं मोहब्बत है हमसे
मगर इज़हार-ए-मोहब्बत से डरते हैं
मोहब्बत में तो डर का नामों निशां नहीं होता
अकीदा हो अगर पक्का तो ये भी गुलाम होता है
मोहब्बत हो अगर तुमको तो दुनिया से भी कह देना
न हिम्मत हो अगर कहने कि तो इशारा ही कर देना।।-
अगर हम सुधार गये तो उनका क्या होगा साहब
जिनको हमारी हरकतों से इश्क़ है।-
छोड़ ना देना
राह- ए - मोहब्बत" में...
ज़माना बड़ा "तलबगार" है हमें "तन्हा" देखने के लिए...!!-
Abhi to bahut sunoge abhi shuruat ki hai,
Acchi lage ya buri lage , maine to haq ki baat ki hai....-
इस बार तो डट के बैठें हैं, इस बार नहीं उठ पाएंगे
मार दो हम मर जाएंगे पर कागज़ नहीं दिखाएंगे।।।-
मेरी फितरत नही है यादो को ढोना या टटोलना ,
हक़ीक़त का बोझ काफी है इस ज़िन्दगी के लिए!-
तुम अपना देखो ,मुझमें कमी मत निकालो,
मेरे क़दमों को मत देखो , पहले अपने पैरों को संभालो।।।-