मैं अच्छा नहीं, मैं लाजवाब हूं।
मैं अच्छा नहीं, मैं लाजवाब हूं।
और! मेरे किरदार के बारे में अंदाज़ा मत लगा,
मैं तेरी सोच से बहुत ज्यादा खराब हूं।
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जो खत्म हो चुकी थी कब से,
आज फिर से लौटकर वही बात आई है।
साहब! कुछ जाना पहचाना दर्द उठा है सीने में,
लगता है आज फिर से उसकी याद आई है।
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दिल टूटा है तो क्या?
वापस जोड़ने वाली का इंतजार थोड़ी ना करेगा।
मिठ्ठे जहर से मोहब्बत थी तुझको,
अरे पागल! वो कत्ल करने से पहले विचार थोड़ी ना करेगा।
भले ही.... बड़ा नादान, नासमझ हो सकता है वो,
पर उस कातिल पे भरोसा करने की गलती दुबारा थोड़ी ना करेगा।
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ना हस सका, ना रो सका,
ये कैसी मन में घबराहट हुई है।
दिल करा, उसे गले लगाकर खूब प्यार करू,
ये कैसी ना जाने चाहत हुई है।
मेरी हसी, खुशी, तकलीफ, जिद
सब कुर्बान है उसकी एक झलक पर।
कितना खुशनसीब हूं मैं,
जो मेरे यहां आज एक बेटी हुई है।-
मुमकिन है कि प्याली में जहर हो, पर मुझे तो पीना है।
थक चुका हूं तेरे पीछे भागते भागते, अब कहीं आराम से बैठना है।
मसला ये नहीं की तू बेवफा निकली।
मसला अब ये है कि तेरे बिना मरना है? या जीना है?
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तेरी और मेरी जंग अब सरेआम है।
बेवफा तो तू भी थी, पर मोहब्बत की दुनिया में सिर्फ मेरा नाम बदनाम है।
और मैं आज के जमाने का आशिक हूं।
ये रोना धोना छोड़ो! मुझे इसके अलावा भी और कई काम है।
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मैं, मैं हूं, तू नहीं।
तू मेरे जज्बातों को समझ सके, इतनी तेरी समझ(ओकात) नहीं।
अच्छा ठीक है मैं खराब, तो खराब ही सही।
हर बार माफ किया है मैंने तुझे, मगर इस बार नहीं।-
उनसे लड़ता भी बहुत हूं,
तो उनसे प्यार भी बेहिसाब है।
माना के गिनती के चार है सिर्फ
मगर दोस्त वो सारे के सारे लाजवाब है-
तू तो नहीं है जिन्दगी में,
पर तेरी याद अब भी बाकी है।
तू छोड़कर जा चुका है कब से,
पर तेरे आने की आस अब भी बाकी है।
जिंदगी खत्म सी हो चुकी है,
तेरी मोहब्बत को मुकम्मल करने में।
पर अभी मरा नहीं हूं मैं,
मुझमें थोड़ी जान अभी भी बाकी है।
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मैं हकीकत में नहीं,
मैं तो बस किसी ख्वाब में हूं।
अगर ख्वाब में भी वो साथ है मेरे,
तो अच्छा है मैं इस ख्वाब में हूं।
जो कहते हैं क्या खूब लिखते हो तुम,
बता दूं उनको कि मैं तो किसी के इंतजार में हूं।
ओर मैं कोई बड़ा शायर नहीं,
मैं तो बस किसी के प्यार में हूं।-