Surendra Bishnoi  
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Joined 26 September 2019


Joined 26 September 2019
14 NOV 2024 AT 16:02

वाद-विवाद की या यूं कहे बातचीत की सबसे बड़ी कमी यही है,
कि हम समझने के लिए नहीं सुनते।
बल्कि हम सुनते हैं,
ताकि हम उसका जवाब दे सके

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13 OCT 2024 AT 23:55

प्रथम चरण - अपने दैनिक लक्ष्यों का विचार व आत्ममंथन कीजिए।
द्वितीय चरण - अपने दैनिक लक्ष्यों का निर्धारण कीजिए।
तृतीय चरण - अपने तन मन से उस लक्ष्य को पूर्ण करने का प्रयास कीजिए।
जीवन में सफलता(लक्ष्य) को प्राप्त करने के लिए त्याग करना पड़ता है, फिर चाहे वह त्याग आपके सुख का हो या फिर आपकी प्रबल इच्छाओं का
मेरी दृष्टि में सफलता का राज यही है आपका कोई अन्य दृष्टिकोण हों तो अवश्य साझा करे 🙌

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6 SEP 2024 AT 21:45

कुछ तो जादू है मेरे राधा माधव के नाम में,
जो मात्र नाम सुनते ही मंत्रमुग्ध हो जाता हूं।

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9 JAN 2024 AT 21:19

ठोकर खाकर संभलना सीख गया।
मैं बिना आंसुओं के रोना सीख गया।
अपने जख्मों को अब खुद ही सी लेता हूं।
मुबारक हो, मैं जिंदगी जीना सीख गया।

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29 NOV 2023 AT 12:30

उसके जैसा झूठा सख्श भी, अब सच्चा लगता है मुझे।
महाफिलो में बदनाम हैं वो, फिर भी अच्छा लगता है मुझे।
फिजूल की बहस से दरकिनार कर लेता हूं खुद को।
अब बोलने से ज्यादा, चुप रहना अच्छा लगता है मुझे।

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19 SEP 2023 AT 10:11

वक्त की रेत हाथों से कुछ यूं फिसल गई।
कुछ कतरे बचे थे, बाकी सारी निकल गई।
अब तो जीने को थोड़ी सी जिंदगी बची है।
बाकी सारी उसको भूलने में निकल गई।

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17 SEP 2023 AT 19:02

अपनी कहानी का इकलौता गवाह हूं मैं
और सिर्फ मैं ही जानता हूं कि कितना तबाह हूं मैं

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11 SEP 2023 AT 0:33

समझ नही आ रहा कि जिंदगी में क्या चल रहा है।
मैं, मेरा स्वभाव या मेरा समय बदल रहा है

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17 MAR 2023 AT 12:17

सोचकर तेरे बारे में कई दफा मुस्कुरा जाता हूं।
उन मुस्कुराहटों में अक्सर अपने दर्द छुपा जाता हूं।
मन्नतो (प्रार्थना) में कुछ तो कमी है मेरे शायद।
तभी खुदा के दर से हर बार खाली हाथ लौट जाता हूं।

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9 FEB 2023 AT 21:24

मिजाज बदलकर अपना, कुछ अलग हो गए है।
कभी हम भी अपने थे, अब पराए हो गए है।
और गुमान था हमें अपनी हस्ती पर बहुत।
लेकिन तेरे बारे में सोच सोचकर, अब पागल हो गए है।

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