शाम को बहूत तेज बारिश
और आंधी आई!
बहुत-सी चीजों को नुकसान हुआ!
रात भर दर्द से कराहते रहे!
सुबह उठ कर घुमने निकला तो,
देखा कि दिन निकलने से
पहले ही, कुछ लोग
कुल्हाड़ी और आरी लेकर
पेड़ों के जख्मों में
नमक भर रहे हैं!
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यार.. बातें नहीं हो पाती तो क्या,
दिल को सुकूँ तो मिलता है!
और माना के हम नाकाम रहते हैं
बीते लम्हों को लौटाने में,
मगर तुम्हे पाने का अब
जुनूँ तो मिलता है!!-
samne hokar bhi nigaahe
kyu nhi milaate h ,
haq h dosti ka to
vo ab kyu nhi jtate h,
ya ho gya h gunaah humse
kuch jubaan se to bolo,
kya kya khamoshi me gujra
ye hum to btate h...-
akele hi rahte to achha hota,
tumhara sath chhod jana
hme aavara kr gya...
bhid dikhti h hme,
pr apna kon h,
yahi sochkar dil,
gvara kr gya...-
hr waqt badalta
rha ye jmana,
jo sadgi thi tujhme,
vo aaj nhi h....-
बहूत खुब बदले हैं
आजकल मिज़ाज मिरे!
हाल इक बार पूछ लेते तो,
यूँ बे-मुरव्वत न होता!!-
बिछड़ने पर भी जो
जो खुश रहो, वो ये कह गया!
इतनी सी महोब्बत के,
वो दरिया में बह गया!
और वो यादों के साए में,
आज भी जी रहा है,
तेरी जुस्तजू में आज भी
मरता मरता रह गया!!-
कह देंगे वक्त आने पर
जो जूबां पर होगा!
आजकल हम अपने में
मशगुल रहते हैं!!-
oro ki tarah tum ruthho,
jhagdo, bahana to bnao...
chhodkar jaa to rhe ho,
akhiri baar gle lgaakar to jaao...
khafaa ho kya are btao to sahi,
chalte huye hoth hilaao to sahi...
bejubaan ho gye ho to nigaahon se bolo,
kuch der thhaharkar to staao....-
महोब्बत हो जाए तो
हमें जरूर बताईएगा!!
आंखों की हमें
यूँ गुस्ताखियाँ नहीं आती!!
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