ÄŘTIFIÇEŘ
इत्तेफाक से तू मिला है...
अब कहाँ खो गया है..
ये कब से कब तक का सिलसिला है...
ये वक़्त क्या है.. ये वक़्त क्या है....-
5 FEB 2019 AT 12:48
17 AUG 2020 AT 11:31
निलाम हो जाते हैं वो
रिश्ते सारेआम
जो सीरत से ज्यादा सूरत
को महत्व देते हैं
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14 APR 2019 AT 10:27
Ek baar majboori me apno ko bhool kr to dekhiye janaab,
Apne apke bhi ustaad h-
15 APR 2019 AT 17:54
अब तो आँसुओ ने भी कह दिया, भूल जा उसे ,रोज- रोज तुझसे मुलाकात करना, हमें अच्छा नहीं लगता!
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20 SEP 2020 AT 9:40
हर किसी से बात करना
प्यार नही होता,
वैसे तो आते है हजारो
पैगाम,
पर उनमे मेरी मुहब्बत का
अख्तार नही होता ।-
21 SEP 2020 AT 11:44
तुम दर्द के बड़े व्यापारी
थे ,
काश हम भी बड़े हकीम
बन पाते ,
तुम पूरे शहेर को जखम
बाँट डाले ,
काश हम भी समय से
पहले ही सब तक दवा
पहुँचा पाते ।-
24 JUL 2019 AT 8:11
A good observation of a Mystery
is always give the way to solution.-