बोल मेरे #मोहब्बत के #जज्बातों को बयां कैसे करूं,
तेरी खूबसूरती की दास्तान बयां कैसे करूं,
तेरी आँखों मे ये #काजल का किनारा,
लगे मुझको ये बहुत सुहाना,
तेरे मांग में ये #सिंदूर की लालिमा,
बांधे रखी हैं रिश्तों की सीमा,
बालों पर ये गजरे का #फूल, हाथों पर #मेहंदी का रंग,
जैसे महक उठा हो तेरा यौवन खूबसूरती के संग,
बोल मेरे #मोहब्बत के #जज्बातों को बयां कैसे करूं,
तेरी खूबसूरती की दास्तान बयां कैसे करूं ।।-
SATH
Maa agar Tera sath mil Jaye ,
To duniya se jeetne ki himmat rkhte h..
Tera bhrosa agar sath ho to sari mushkilon SE ldne Ka hunar rkhte h ..
Ki Tu Jo sath de to mil Jaye har Khushi ..
Tere Bina shayd mai kuch bhi nhi ..
Maa tera sath jahan me sabse pyaara lgta h ..
Mahfooz hu Mai Tere saaye me ye bharosa SA lgta h..
Ek alg hi sukoon h Tere god me sar rkh kr sone me..
Ek Teri hi mehak h ghr k har ek kone me..
Tu Jo na mile do pal me Dil bechain SA ho jata h..
Bas tujhe dhundhti h aankhe dil bas tujhse milna Chahta h ..
Maa Ka sath hi to h Jo hum kamyabi hasil kr pate h ..
Khud se jb bhrosa uthta h to maa k bhrose par hi to hum kuch ban pate h ..
Duniya me har rishta matlb se bhra HOTA h ..
Ek maa bachhe Ka rishta h Jo sirf pyaar pe bana HOTA h ..-
जरा सोच के देखों मेरे बगैर......
क्या यह संभव था,
कि तुम खुद को भी पहचान सको,
जरा सोच के देखों क्या तेरे बगैर......
यह संभव था,
कि मैं खुद को भी जान सकूं ।।-
अक्सर हम सब हर बात पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हैं,
ये कोई जरूरी तो नहीं कि हर बार हर बात पर हम गुस्सा करते रहें,
हर काम जब शांति पर्वक भी किया जा सकता हैं,
तो क्यों हम हर बात बात पर बिगड़ते रहते हैं,
अहिंसा परमो धर्म: की राह पर चलना हमको हैं,
इसलिए बात बात पर नहीं बिगड़ा करते हैं ।।
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हैं तेरा क्या इस जीवन में,
किया ही क्या हैं तूने इस जीवन में,
इतना गर्व किस बात का हैं जीवन में,
इतना गुमान अच्छा नहीं जीवन में,
कुछ भी तेरा नहीं इस जीवन में,
माता पिता की सेवा कर इस जीवन में,
हम हैं ऊपर वाले कि कठपुतली हर जीवन में,
फिर गर्व क्यूँ करना हैं इस जीवन में ।।-
सब मुझे बदलने में लगे हैं,
क्यों कोई मुझे समझने की कोशिश नहीं करता,
जैसा हूँ, कोई कुबूल नहीं करता,
हाँ होंगी मुझमे लाखों बुराई,
क्यों कोई कभी जानने की कोशिश नहीं करता,
जैसा हूँ, कोई कुबूल नहीं करता,
सूखे पेड़ स हो गया हूँ,
इस्तेमाल तो होता हूँ, लेकिन कोई स्वीकार नहीं करता,
जैसा हूँ, कोई कुबूल नहीं करता ।।-
मिले थे हमको तुम ...., अजनबी बनकर ..…..,
तुम्हारे प्यार ने हमको..., हमसफ़र/हमराही बना दिया ...,
मिले थे हमको तुम ...., अजनबी बनकर ..…..,
उन प्यारी मुलाकातों ने..., जीवनसाथी बना दिया....।।-
मेरे कुछ अपने ही दगा दे गए,
जिन पर विश्वास था वही सज़ा दे गए,
वह स्वार्थी निकले, और सब बर्बाद कर गए,
उनके झूठे प्यार पर हम एतबार कर गए,
कभी न सोचा था जैसा वह काम कर गए,
परिपक्वता की कमी में ज़िन्दगी बेहाल कर गए,
मेरे कुछ अपने ही दगा दे गए,
जिन पर विश्वास था वही सज़ा दे गए ।।
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अपने राज़, अपनी दिल की बात,
अपना डर, मन के हर एक जज्बात
तुम कह कर तो देखते,
अपने हर अहसास, अपने सुख-दुःख की बात,
दिमाग मे उत्पन्न ख़याल, तुम्हारे हर एक सवाल,
तुम कह कर तो देखते,
सिर्फ एक बार तुम कह कर तो देखते ।।-
अक्सर मासूमियत खामोश रहती हैं,
हर दफा ख़ूबसुरती ही कुछ कहती हैं,
हमेसा सादगी बेजुवां रहती हैं,
हर दफा ख़ूबसुरती ही कुछ कहती हैं,
सीरत कोई देखता नहीं, सूरत ही सबको लुभाती हैं,
हर दफा ख़ूबसुरती ही कुछ कहती हैं,
मन की ख़ूबसुरती ही सदैव महकती हैं,
ख़ूबसुरती हमेसा कुछ न कुछ कहती हैं ।।-