कभी किसी से हसद ना करना,
खुदा अगर उसको दे रहा है तो...
उसके नसीबों का दे रहा है !
तुम्हारा नसीब छीन कर नहीं दे रहा है !-
दिन बदले, मौसम बदला और बदला ये साल आख़िर
एहसास बदला, इंसान बदला क्यों न बदला अपना हाल आख़िर...-
कभी कभी नाराज़गी भी ज़रूरी है
ताकि पता तो चले,
हमें मनाने वाला कोई हैं भी या नहीं...!!!-
मुझे आवाज़ दे लेना....
कभी जब आँख झलके तो
कभी जब दिल न संभले तो
मुझे आवाज़ दे लेना....
कभी जब दर्द हो कोई
बहुत मजबूर हो कोई
कोई आवाज़ न दे तो
मुझे आवाज़ दे लेना....
कोई आंसु न पूछें तो
कोई हंसने से रोके तो
कोई तुमको सताये तो
मुझे आवाज़ दे लेना....-
कितनी अजीब बात है ना....
लोग उस कागज़ को सम्भाल लेते हैं....
जिसमें अल्लाह लिखा होता है,
लेकिन उस दिल को तोड़ देते हैं....
जिसमें अल्लाह बसता है...!-
खुदा जानता है किस हाल में हूं मैं
इसलिए तुम्हें हाल-ए-दिल सुनाना छोड़ दिया हमने...!-
Sabr se kaam liya karo...
ALLAH Kareem ne har takleef ke baad....
Rahat rakhi hai.-
Yaad uski abhi bhi aati hai...
Buri aadat hai bhalaa khaa jati hai...🥀-
कभी कभी रिश्तों में लिहाज रखते हुए,
हम बहुत सारा ज़हर अपने अंदर....
उतार लेते हैं,
ऐसे में हम ख़ुद को मार कर.....
अगले को ज़िंदा रखते हैं,
मगर कद्र फिर भी नहीं मिलती !!!-
जब नाराज़गी किसी ख़ास से
होती है,
तो इंसान चिल्लाता नहीं....
रो देता है...!!!-